कानपुर कार्डियोलॉजी में सफल भ्रष्टाचारी : नकली नोट ऑडियो प्रकरण में नहीं हुई डायरेक्टर के खिलाफ कार्रवाई

अब खिलाफ कार्रवाई के बजाय जुगाड़ से अपना तबादला कन्नौज कराने का भी दावा कर रहे डायरेक्टर कार्डियोलॉजी

कार्रवाई के लिए यूपी सरकार और वरिष्ठ अधिकारियों को भी भेजी गई थी ऑडियो क्लिप लेकिन एक पखवारा बीतने के बाद भी नहीं हुई डायरेक्टर कार्डियोलॉजी के खिलाफ कार्रवाही

डायरेक्टर पर भ्रष्टाचार के भी कई बार लग चुके हैं गंभीर आरोप। नर्स उत्पीड़न कांड में भी शासन ने कराई है जांच। नेत्र ज्योति समेत शारीरिक अक्षमता के भी हैं शिकार

सुनील बाजपेई
कानपुर। यहां देश के जाने माने हृदय रोग संस्थानों में से एकलक्ष्मीपत सिंघानिया राजकीय ह्रदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी ) के डायरेक्टर डॉ विनय कृष्णा आर्थिक भ्रष्टाचार को प्रमाणित करने वाले अवैध लेनदेन का आडियो वायरल होने के बाद खिलाफ कार्रवाई से अपने को बचा ले जाने में पूरी तरह से सफल रहे | आर्थिक भ्रष्टाचार से जुड़े लेनदेन के इस ऑडियो के आधार पर कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉ विनय कृष्णा के खिलाफ निलंबन और बर्खास्तगी जैसी कड़ी कार्रवाई की मांग करने वाले हैलट के बहु चर्चित नर्स बिंदु यादव उत्पीड़न कांड में न्याय के लिए संघर्ष कर रहे पत्रकार संतोष यादव ने बताया कि आर्थिक भ्रष्टाचार से जुड़ा लेन देन का ऑडियो वायरल होने के बाद निलंबन और बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई से बचने के लिए बहुत बड़ी धनराशि खर्च करने के बदले दिल्ली और लखनऊ के कुछ मंत्रियों के साथ ही कुछ बड़े अधिकारियों ने भी भ्रष्ट डायरेक्टर डॉ विनय कृष्णा का हर तरह से साथ दिया है।

संतोष यादव के मुताबिक यही असली वजह है कि नकली नोटों के कारोबार तथा अवैध लेनदेन का भ्रष्टाचार से जुड़ा ऑडियो वायरल होने के बाद भी डायरेक्टर विनय कृष्णा के खिलाफ अभी तक किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई।
उन्होंने बताया कि इस लेनदेन में नकली नोटों के भी प्रयोग को प्रमाणित करने वाला डायरेक्टर डॉ विनय कृष्णा और ठेकेदार के बीच बातचीत का यह ऑडियो स्थानीय के साथ ही अनेक राष्ट्रीय चैनलों और बड़े समाचार पत्रों में भी प्रसारित और प्रकाशित किया गया था । यही नहीं कार्रवाई के लिए संबंधित ऑडियो प्रदेश शासन के सभी बड़े अधिकारियों को भी भेजा गया था, जिसके बाद माना जा रहा था कि उत्तर प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का दावा करने वाली योगी आदित्यनाथ की सरकार इस मामले में निलंबन जैसी कड़ी कार्रवाई अवश्य करेगी लेकिन आज एक पखवारे से भी ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक आर्थिक भ्रष्टाचार के इस मामले के डायरेक्टर विनय कृष्णा के खिलाफ अभी तक किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
बहुचर्चित नर्स उत्पीड़न कांड के पैरवीकार संतोष यादव ने बताया कि इस कांड में भी शासन ने जो 3 सदस्य कमेटी गठित की थी उसने भी आज तक अपनी रिपोर्ट डॉ विनय कृष्णा आदि आरोपियों के खिलाफ नहीं दी है | संतोष यादव ने आरोप लगाया कि खुलेआम भ्रष्टाचार को प्रमाणित करने वाले आर्थिक लेनदेन के इस आडियो मामले में भी अपनी तगड़ी सेटिंग के फलस्वरूप डायरेक्टर विनय कृष्णा खुद को किसी भी तरह की कार्रवाई से बचा ले जाने में पूरी तरह से सफल हैं |
उन्होंने बताया कि विनय कृष्णा ने कई नेताओं और मंत्रियों के संरक्षण के बल पर बड़ी धनराशि खर्च करने के बदले खुद को बचाने की जो सफल रणनीति बनाई है। उसके तहत वह अपना तबादला कानपुर से कन्नौज कराने का भी दावा कर रहे हैं | जिससे उनके भारी रिश्वत के बल पर अधिकारियों और मंत्रियों पर जबरदस्त प्रभाव होने का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है |
संतोष यादव ने कहा कि अगर योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश की सरकार वास्तव में भ्रष्टाचार के खिलाफ है तो फिर जांच कमेटी गठित किए जाने के बाद भी नर्स उत्पीड़न कांड में आरोपी डायरेक्टर आदि के खिलाफ आजतक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? उन्होंने सवाल किया कि डायरेक्टर विनय कृष्णा की एक आंख पत्थर की है। दूसरी आंख से भी पर्याप्त दिखाई नहीं पड़ता। इसके बाद भी पत्थर की आंख के बारे में मेडिकल जांच करा कर आज तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई ?
संतोष यादव ने आरोप लगाया कि नर्स उत्पीड़न कांड और पत्थर की आंख मामले में खुद को बचाने के साथ ही डायरेक्टर विनय कृष्णा भारी रिश्वत के बल पर अब आर्थिक भ्रष्टाचार को प्रमाणित करने वाले अवैध लेनदेन में नकली नोटों के भी प्रयोग करने जैसे बेहद गम्भीर मामले में कार्रवाई से खुद को बचाने में सफल होने के लिए अपना तबादला कन्नौज कराए जाने का भी दावा अपने नजदीकी लोगों से कर रहे हैं | और उनके इस दावे को सही इसलिए माना जा रहा है कि अभी तक वायरल ऑडियो प्रकरण में उनके खिलाफ निलंबन जैसी कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है।
नर्स बिंदु यादव उत्पीड़न कांड के पैरोकार संतोष यादव ने दावा किया कि अगर निकट भविष्य में डायरेक्टर विनय कृष्णा के खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं होती और अपने दावे के अनुरूप वह अपना तबादला कन्नौज कराने में वास्तव में सफल रहे तो मान लिया जायेगा कि अवैध लेनदेन में नकली नोटो का भी प्रयोग किये जाने वाले बहुचर्चित इस आडियो प्रकरण में वह खुद को बचाने में कई अधिकारियों और मंत्रियों से अपने मजबूत सम्बंधों और भारी रिश्वत के बल पर ही सफल हुए हैं।
फिलहाल आर्थिक भ्रष्टाचार से संबंधित लेनदेन में नकली नोटों का भी प्रयोग किये जाने के इस चर्चित वायरल ऑडियो के प्रकरण में खुद को कार्रवाई से बचा ले जाने में मिली सफलता ने डायरेक्टर विनय कृष्णा को चर्चा का विषय बना रखा है |

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