कानपुर का बिकरु कांड : खुशी दुबे के बयान से कटघरे में पुलिस : 44 अभी भी जेल में

शादी के 4 दिन बाद हुए बिकरू कांड में मुख्य आरोपी विकास दुबे के भतीजे पति अमर दुबे की मुठभेड़ में मौत के बाद खुशी को भी गिरफ्तार कर भेजा गया था जेल

– बोली थाने में क्या क्या हुआ बता नहीं सकती
– 44 लोग अभी भी खा रहे जेल की हवा

सुनील बाजपेई
कानपुर | यहां बिकरू कांड के मुख्य आरोपी कुख्यात विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जा चुके
भतीजे अमर दुबे की जेल से छूट कर आई पत्नी खुशी दुबे के बयान से पुलिस का व्यवहार और उसकी कार्यशैली सवालों कटघरे में है । उसने जेल से छूटने के बाद जिस तरह का बयान उसके बारे में दिया है इससे माना जा रहा है कि उसके साथ अमानवीय व्यवहार भी किया गया है ।
खुशी दुबे 30 महीने बाद बीते शनिवार को जेल से छूटी है। उसे आठ जुलाई 2020 को चौबेपुर पुलिस ने बहुचर्चित बिकरु कांड के मामले में हत्या, हत्या की साजिश, विस्फोटक अधिनियम समेत गंभीर आरोपों में जेल भेजा था।
इसके बाद उसे माती कारागार में रखा गया। इसी बीच इस मामले में नया मोड़ आ गया था। खुशी को उसके माता पिता ने नाबालिग बताया था। जिसके बाद कराए गए सत्यापन में भी वह नाबालिक साबित हुई थी। जिसके बाद उसे माती जेल से बाराबंकी बाल सुधार गृह भेजा गया था।
बिकरू कांड में आरोपी खुशी के मामले की सुनवाई अपर जिला सत्र न्यायाधीश-13 पॉक्सो एक्ट शैलेंद्र वर्मा की अदालत में चल रही थी। खुशी के अधिवक्ता उसके नाबालिग होने का हवाला देकर जमानत की मांग कर रहे थे। हाईकोर्ट से जमानत खारिज होने पर खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। इस बीच खुशी की उम्र 18 साल पूरी हो गई, तो उसे माती कारागार शिफ्ट कर दिया गया था। जेल से बाहर आकर खुशी ने कहा कि उसे अदालत पर पूरा भरोसा है। मुझे कानून पर पूरा भरोसा था, देर लगी लेकिन न्याय मिला।
बिकरू कांड के मुख्य आरोपी कुख्यात विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे (मुठभेड़ में मारे जा चुके) की 30 जून 2020 को पनकी कानपुर नगर निवासी खुशी के साथ शादी हुई थी। शादी के दो दिन बाद ही बिकरू कांड हो गया था। खुशी ने बताया कि उसका बिकरू कांड से कोई लेना देना नहीं था।
खुशी दुबे ने बताया कि बिकरु कांड के बाद पुलिस के बुलाने पर वह चार जुलाई को चौबेपुर थाने गई। इसके बाद उसे चार दिन थाने में रखा गया।
खुशी दुबे के मुताबिक इस चार दिन में उसके साथ क्या-क्या हुआ इसे बता नहीं सकती। इससे साफ है कि खुशी के साथ कुछ ऐसा जरूर हुआ, जिसे वह बताना नहीं चाहती है। जेल से बाहर आने पर मीडिया कर्मियों ने उससे कई सवाल किए। जिस पर उसने कहा कि वह इस समय कुछ बताने की स्थिति में नहीं है।
अवगत कराते चलें कि दो जुलाई 2020 की रात कानपुर नगर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में कुख्यात विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर विकास ने साथियों के साथ मिलकर फायरिंग की थी। इसमें बिल्हौर के तत्कालीन सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी। पुलिस ने विकास समेत छह आरोपियों को मुठभेड़ में मार गिराया था। वहीं घटना में कुल 45 लोग जेल भेजे गए थे। फिलहाल अब इस मामले में खुशी दुबे की जमानत होने के बाद 44 लोग अभी भी जेल की हवा खा रहे हैं |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!