– टिकट वितरण में नए चेहरों को महत्त्व से जमीन से जुड़े पुराने कार्यकर्ता नाराज
– चहेतों को टिकट के लिए जनप्रतिनिधियों के दबाव के आगे झुकने को संगठन भी बताया जा रहा मजबूर | क्षेत्रीय कार्यालय में दलाल अपराधी भी बताये जा रहे सक्रिय
– 10 से लेकर 15 लाख रुपए तक में टिकट बेचे जाने की भी चर्चा
सुनील बाजपेई
कानपुर | आगामी 11 मई को यहां होने जा रहे निकाय चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी को टिकट वितरण के मामले में भारी संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है।
पार्टी सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक इस बीच ऐसे अपराधी और दलाल भी सक्रिय बताए गए हैं, जिनके द्वारा 10 से लेकर 15 लाख रुपए तक में टिकट दिलाने के नाम पर वसूली किये जाने का भी दावा पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों किया है
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इनमें से श्याम नगर क्षेत्र निवासी एक पूर्व ब्लाक प्रमुख नेता के हिस्ट्रीशीटर बेटे के नाम का भी जिक्र किया जा रहा है | साथ ही पार्षद की टिकट प्राप्त करने या फिर किसी को दिलाने में ऐसे भी लोग सक्रिय है जो कि सुरासुंदरी के सेवन के लिए भी कुख्यात माने जाते हैं।
पार्टी सूत्रों की माने तो भारतीय जनता पार्टी में पार्षद के लिए टिकट वितरण को लेकर जिस तरह से मारामारी चल रही है। उसके फलस्वरूप कभी भी विद्रोह जैसे हालात इसलिए पैदा हो सकते हैं क्योंकि जमीन से जुड़े पुराने समर्पित कार्यकर्ताओं के स्थान पर प्रत्याशी बनाने के मामले में कुछ ऐसे लोगों को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है जो पार्टी में हाल में ही शामिल हुए हैं |
पार्टी सूत्रों के मुताबिक टिकट वितरण में यह हालात पैदा करने के लिए सबसे बड़ी अहम भूमिका बड़े नेताओं और जनप्रतिनिधियों की बताई जाती है ,जो कि अपने उन खास लोगों को ही टिकट दिलवाने के लिए प्रयासरत हैं ,जिनका पार्टी में ना तो कभी कोई योगदान रहा और ना ही वह जनता के बीच अपनी कोई पहचान रखते हैं। इससे भारतीय जनता पार्टी के पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं में अंदरूनी तौर पर भारी रोष भी व्याप्त बताया जाता है, जिसके फलस्वरूप वह कभी भी विद्रोह कर सकते हैं।
पार्टी सूत्रों का दावा यह भी है कि इनमें से कई पुराने कार्यकर्ता बागी उम्मीदवार के रूप में भी पार्षद का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, जो कि निकाय चुनाव जीतने के मामले में भारतीय जनता पार्टी के भारी नुकसान का कारण भी बन सकता है |