कानपुर में प्रशासनिक लापरवाही से तालाब में डूबे चार छात्र , सेमर झाल में कोहराम

छात्रों की डूबने से मौत की वजह बनी प्रशासन की लारवाही
दो घरों के बुझ गए इकलौते चिराग, गांव में चीख और चीत्कार

-सांत्वना देने पहुंचे विधान सभाध्यक्ष और सांसद भोले

सुनील बाजपेई
कानपुर। यहां प्रशासनिक लापरवाही से चार छात्रों की डूबने से हुई मौत से नर्वल थाने का सेमरझाल गांव गम के सागर में डूबा हुआ है। वहां कोहराम मचा है। आज रविवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद चारो शव जैसे ही गांव पहुंचे वहां मृतकों के घरों में करुण क्रंदन शुरु हो गया।

इस बीच तहसील परिसर में स्थित अमृत सरोवर में डूबकर चार छात्रों की मौत के मामले में प्रशासन की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। यहां एक माह पूर्व बनकर तैयार हुए तालाब में अक्सर बच्चे नहाने पहुंच जाते थे।

तालाब की गहराई भी ज्यादा थी। इसके बाद भी बच्चों को तालाब में नहाने से रोकने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किए गए।

प्रशासन की इस लापरवाही का खामियाजा बीते शनिवार को सेमरझाल गांव में रहने वाले चार परिवारों के अलग-अलग स्कूलों से पढ़ने वाले चार छात्रों सक्षम (15), अभय सविता (15), कृष्णा (12), दिव्यांश अवस्थी (13) को डूबने से मौत के रुप में भुगतना पड़ा।

जानकारी के मुताबिक घटना के समय तालाब में खतरा होने के बाद बावजूद इन्हें रोकने टोकने वाला को काेई भी नहीं था।

जबकि, पास स्थित तहसील कार्यालय में ही एसडीएम, तहसीलदार मौजूद थे। घटना स्थल से 50 कदम की दूरी पर नर्वल थाना स्थित है, जहां 24 घंटे पुलिस मौजूद रहती है।

यहां तालाब में खतरे का निशान भी नहीं लगा हैं इसके बाद भी किसी का ध्यान तालाब में अक्सर नहाने आने वाले बच्चों पर नहीं गया।

डूबे हुए छात्रों को बाहर निकालने वाले लोगों ने बताया कि तालाब की गहराई बीच-बीच में करीब छह से सात फीट तक थी।

इसके बाद भी तालाब के पास कहीं भी किसी खतरे का बोर्ड नहीं लगाया गया। इसके अलावा, न ही बच्चों को रोकने के लिए किसी गार्ड को तैनात किया गया।

फिलहाल इस बड़े हादसे के बाद प्रशासन की नींद खुली, तो एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से मेन गेट पर ताला लगाने, डायट के नाले वाले रास्ते को बंद करने के निर्देश जारी कर दिए।

वहीं आज रविवार को पोस्टमार्टम के बाद दो एम्बुलेंस से चारों बच्चों के शवों को गांव लाया गया।

जिनके बाद उनके परिजनों में करुण क्रंदन लगातार जारी है। परिजनों की चीख पुकार से नर्वल का सेमरझाल गांव दहला हुआ है।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना भी गांव पहुँचे और परिजनों को सांत्वना दी। अकबरपुर सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। वहीं एहतियात के तौर पर महाराजपुर, नर्वल थानों का भारी पुलिस बल मौके पर डटा रहा।

पीएसी व क्यूआरटी जवान भी गांव में मौजूद रहे।

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