– आज से घर घर पहुंचकर टीम करेगी क्षय रोगियों का चिन्हीकरण
– चार लाख लोगों के बीच पांच मार्च तक पहुंचेंगी टीम, करेगी क्षय रोगियों की खोज
लालचन्द्र मद्धेशिया
संतकबीरनगर ।देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए हर स्तर पर प्रयास जारी हैं। जनपद में क्षय रोगियों की खोज के लिए शुक्रवार से घर – घर टीम पहुंचेगी । यह अभियान जनपद में 5 मार्च तक निरन्तर चलेगा। अभियान के दौरान अगर टीम किसी के दरवाजे पर पहुंचती है तो उसे सही जानकारी प्रदान करें, ताकि क्षय रोगियों का चिन्हीकरण करके उसका इलाज कराया जा सके और जिले को क्षय मुक्त बनाया जा सके।
यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं । उन्होने बताया कि जिले की 20 लाख की आबादी के सापेक्ष 20 प्रतिशत अर्थात कुल 4 लाख लोगों में टीबी के लक्षणों की जांच की जाएगी। अभियान के दौरान कुल 173 चिन्हित गांवों के 56226 घरों में क्षय रोगियों की खोज के लिए 89 टीम बनाई गयी है। हर टीम में तीन सदस्य होंगे। इनकी निगरानी के लिए 17 सुपरवाइजर, चार नोडल अधिकारी और नौ मेडिकल आफिसर लगाए गए हैं । टीम के निरीक्षण में लक्षण मिलने पर सर्वे टीम उसी समय व्यक्ति के बलगम का नमूना लेकर जांच के लिए भेजेंगी । रोग की पुष्टि होने पर दो दिन के भीतर व्यक्ति का उपचार शुरू हो जायेगा । यदि व्यक्ति में रोग की पुष्टि होती है तो सर्वे टीम को 600 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी ।
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क्लोज कैम्पस में नहीं मिला कोई क्षय रोगी
क्षय रोग के जिला कार्यक्रम समन्वयक अमित आनन्द ने बताया कि क्लोज कैम्पस में अभियान 20 फरवरी से लेकर 23 फरवरी तक चला है। इस दौरान जिला जेल के 477 कैदियों की जांच की गयी। इसमें 30 महिला कैदी भी शामिल थीं। इन कैदियों में 9 ऐसे थे जिनका सैम्पल लिया गया। सैम्पल की जांच के बाद कोई क्षय रोगी नहीं पाया गया। बाल आश्रम व वृद्धाश्रम में जांच के बाद कोई भी व्यक्ति क्षय रोग से पीडि़त नहीं मिला है। जिला जेल में पूर्व में पाए गए तीन कैदियों को अलग रखकर जेल के चिकित्सालय में ही उनका इलाज कराया जा रहा है।
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यह लक्षण दिखें तो जरुर कराएं जांच
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहे , ऐसा बुखार रहता हो जो शाम को बढ़ जाता है , सीने में दर्द हो, बलगम के साथ खून आए, भूख न लगे और वजन घट रहा है, तो यह टीबी हो सकता है । यदि किसी भी व्यक्ति के अन्दर क्षय रोग के यह लक्षण दिखाई दें तो उसकी जांच कराएं।
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नाखून और बाल छोड़कर शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है क्षय रोग
डॉ ओझा ने बताया कि क्षय रोग माइकोबैक्टीरियम, ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है। यह रोग मुख्यतः फेफड़े में होता है, लेकिन शरीर के अन्य अंगो जैसे दिमाग, हड्डी , ग्रन्थियों व आंत में भी हो सकता है। यह रोग टीबी के रोगी द्वारा खांसने या छींकने, रोगी द्वारा इधर उधर खुली जगह पर बलगम थूकने से निकलने वाली बूंदों के सम्पर्क में आने से हो सकता है।
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इलाज के लिए जिले में उपलब्ध सुविधाएं
जिले में कुल 10 टीबी यूनिट हैं। इसमें से एक नगरीय टीबी यूनिट भी है। जांच के लिए 17 माइक्रोस्कोपिक सेंटर हैं जहां बलगम की जांच होती है। दो लेड माइक्रोस्कोप है, एक सीबीनाट व चार ट्रूनाट मशीन है। एक डीडीआरटीबी सेंटर है जिसमें चार बेड हैं। जिले में कुल 2634 क्षय रोगी हैं जिनका इलाज चल रहा है। इन सभी क्षय रोगियों में 166 जटिल क्षय रोगी हैं।