रांची 5 March 2023
खतियान आधारित स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति झारखंड के हेमंत सोरेन सरकार द्वारा लागू नहीं किए जाने के विरोध में तमाम झारखंडी सूचना अधिकार मंच के तमाम पदाधिकारी एंव सदस्य इस बार होली नहीं मनाएंगे l
उपरोक्त बातें झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष सह हटिया विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने मुख्यमंत्री द्वारा खतियान आधारित स्थानीय नीति और नियोजन नीति नहीं लागू करने पर आज अपनी प्रतिक्रिया में कहीं l इन्होंने आगे यह भी कहा कि झारखंड के लोगों का खतियान आधारित नियोजन नीति स्थानीय नीति सिर्फ एक मुद्दा ही नहीं जीवन मरण का प्रश्न है और उनके पहचान का सवाल भी है कयोंकि झारखंड बना ही था झारखंडी समाज के लिए ।
श्री नायक ने आगे कहा की एकीकृत बिहार में स्थानीय व्यक्ति कौन होंगें इसको भी परिभाषित किया गया था जिसमें यह कहा गया था कि स्थानीय व्यक्ति वही होंगे जिनके पूर्वजों का नाम अंतिम सर्वे या राष्ट्रीय अभिलेखागार में दर्ज होगा उसी को स्थानीय व्यक्ति माना जाएगा उसी फार्मूला और उसे अधिसूचना को झारखंड की हेमंत सरकार अक्षरस: बिहार शब्द को विलोपित करते हुए झारखंड शब्द को अंगीकृत करते हुए उस अधिसूचना को लागू झारखंड में करे । झारखंड में ना 1932 चलेगा ना 2016 चलेगा ना 1985 चलेगा झारखंड में सिर्फ यही चलेगा जिसके हाथ में खतियान होगा जिसमें कोई कट ऑफ डेट्स नहीं है वही स्थानीय माना जाएगा उसी को आधार बनाते हुए झारखंड के सरकार खतियान आधारित स्थानीय नीति एवं स्थानीय नियोजन नीति को बनाकर तुरंत उसे लागू करना चाहिए ताकि झारखंड में हमारे जो नौजवान हैं स्थानीय नीति नियोजन नीति परिभाषित नहीं होने के कारण जो 3 साल से अभी तक नौकरी के आस में टकटकी लगाए हुए हैं उनको कम से कम इस नीति के आधार पर उनसबो की नियुक्ति हो सके ।
श्री नायक ने आगे कहा मुख्यमंत्री ने खतियान ज़ोहार यात्रा 1932 का खतियान को बोलकर कार्यक्रम कर झारखंड के झारखंडी समाज के लोगों के भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है जो निंदनीय है और इसके लिए उन्हे आने वाले चुनाव मे इसकी सजा भुगतनी होगी । आज जो ये 60=40 का जो गेम खेलने का जो कार्य कर रहे हैं उनके साथ भी झारखंडी समाज आने वाले चुनाव में जीरो बटा जीरो खेल खेलने का काम करेगी । उन्होंने यह भी कहा अगर एक बार सत्ता जेे.एम.एम के हाथो से चली जाएगी तो झारखंड में वे कभी भी सत्ता में नहीं आ सकती है क्योंकि झारखंडी समाज की भावनाओं उनके सपनों के साथ खेलने वाले सत्ता के सौदागरों को झारखंडी समाज कभी भी माफ नहीं करती है बल्कि उसे झारखंड से साफ करने का काम करती है इसका उदाहरण रघुवर की सरकार रही है झारखंडी समाज के लोगों ने सत्ता से हटाने का काम किया था उसी तरह अब लगता है की हेमंत सरकार की बारी है ।
भवदीय
हस्ताक्षर
विजय शंकर नायक
केंद्रीय अध्यक्ष
झारखंडी सूचना अधिकार मंच
पूर्व प्रत्याशी
हटिया विधान सभा क्षेत्र