जरुरतमंद को पहचानने के बाद ही देता हूं कपड़े-रामानंद सैनी

जरुरतमंद को पहचानने के बाद ही देता हूं कपड़े l इसके लिए मैं घर घर जाता हूँ l रात को सडकों और गलियों में घूम घूम कर गरीबों को ढूंढने का काम करता हूं l उसके बाद ही वस्त्र वितरण का काम होता है l उपरोक्त विचार आज अपनी वस्त्र बैंक में गरीबों को वस्त्र दान करते हुए समाज सेवी रामानंद सैनी ने कही l

पिछले साल से अधिक समय से गरीबों को वस्त्र और भोजन दान करने वाले रामानन्द सैनी ने वस्त्र वितरित करने के लिए अपने एस.एस डी जूनियर हाई स्कूल अली नगर सुनहरा, कृष्णा नगर लखनऊ में एक वस्त्र बैंक का निर्माण किया है l जिसका नाम त्रिवेणी वस्त्र बैंक है l यहां पर सम्पन्न लोग अपने घरों के अतिरिक्त समान, वस्त्र और पुस्तकें दान करते हैं l जिसके बाद रामानन्द जी उसे अपनी पत्नी मंजू सैनी और बेटा ईशांत सैनी के साथ जरूरत मन्द लोगों के बीच जाकर वितरित करते हैं l

कुछ लोग जो त्रिवेणी वस्त्र बैंक को जानते हैं वे बैंक से ही ले जाते हैं l श्री सैनी सम्पन्न लोगों के अलावा कपड़े की दुकानों से भी वस्त्र प्राप्त करने के लिए जाते हैं l जिसमे उन्हें नए कपड़े मिल जाते हैं l

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