जो सरकार दलित आदिवासी मूलवासी के जानमाल ,इज्जत ,आबरू ,सम्मान की रक्षा नहीं कर सके उसे सत्ता में बैठे रहने का नैतिक अधिकार नहीं है -विजय शंकर नायक

गिरिडीह में दलित महिला को नंगा निर्वस्त्र कर मारपीट एवं रात भर पेड़ में बांधे जाने के संदर्भ में
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जो सरकार दलित आदिवासी मूलवासी के जानमाल ,इज्जत ,आबरू ,सम्मान की रक्षा नहीं कर सके उसे सत्ता में बैठे रहने का नैतिक अधिकार नहीं है । बिना समय गवाऐं हेमन्त सोरेन इस्तीफा दें ।

विजय शंकर नायक
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उपरोक्त बातें आज झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय संयोजक विधायक पूर्व प्रत्याशी सह आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने आज गिरिडीह जिले के सरिया थाना अंतर्गत पड़ते नवाडीह इलाके में एक दलित महिला को घर से अगवा कर निर्वस्त्र कर जमकर पीटा इसके बाद घायल दलित महिला को जंगल में रात भर पेड़ में निर्वस्त्र बांधे जाने की घटना होने पर आज अपनी प्रतिक्रिया में उक्त बातें कहीं । इन्होंने यह भी कहा दलित समाज के महिला को नंगा करना अक्षम्यनीय अपराध , जिसे किसी भी कीमत में बर्दाश्त नही किया जायेगा l इस घटना ने मणिपुर की घटना की याद ताजा कराने का काम किया है । जो एक सभ्य समाज के लिए कदापि बर्दाश्त के काबिल नही है । इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है ।

श्री नायक ने आगे कहा कि गिरफ्तार किये गये दोषीयों पर अविलंब अनुसूचित जाति /जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत उन सबो पर प्राथमिकी दर्ज किया जाना अनिवार्य किया जाए साथ ही साथ उन अपराधियों पर एंव जान से मारने की नियति पर 307,एंव अपहरण करने की धारा 360 के तहत भी फास्ट ट्रैक की अदालत पर कार्रवाई की जानी चाहिए नही तो आन्दोलन किया जायेगा ।

श्री नायक ने यह भी कहा कि जब से हेमंत सोरेन की सरकार आई है तब से ही दलित आदिवासी मूलनिवासी समाज के लोगों पर हमले बढ़े हैं । कानून का राज समाप्त हो गया है । विधि व्यवस्था फेल हो गई है। कानून का भय समाप्त हो गया है। ऐसे में मुख्यमंत्री को विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है और दलित आदिवासी मूलवासी कमजोर वर्गों की रक्षा करने के लिए उन्हें और उनकी सरकार को संकल्प कर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करने की जरूरत है । इन्होंने आगे यह भी कहा आज झारखंड में दलित आदिवासी और मूलवासी समाज के कमजोर वर्ग के लोगों में आज भय समाया हुआ है उन्हें ऐसा लग रहा है की सरकार इन अपराधियों के आगे घुटने टेक दी है। ऐसे में अगर अपनी जान माल एवं अपने इज्जत और सम्मान की रक्षा के लिए दलित आदिवासी मूलवासी समाज हथियार उठाने का काम करेंगे तो सरकार को दोषी माना जाएगा ना कि दलित आदिवासी मूलवासी समाज को माना जाएगा ।
श्री नायक ने झामुमो के गिरीडीह विधायक सुदीप कुमार सोनू के द्वारा इस घटना पर अपने प्रतिक्रिया नहीं देने की निंदा करते हुए उसे दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा की वह इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी वह चुप्पी साधे हुए है । जो समझ से परे है ।उन्होंने विधायक को चुल्लू भर पानी में डूब मरने के लिए कहा और आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक दलित विरोधी है और आने वाले चुनाव में इस विधायक की ज़मानत जप्त कराया जाएगा ।

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