- पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग को लेकर बीएसपीएस की झारखंड इकाई जेजेए द्धारा झारखंड विधान सभा के समक्ष महाधरना का आयोजन।
- मुख्यमंत्री ने अपने प्रतिनिधि के रुप में धरना स्थल पर मंत्री मिथलेश ठाकुर को वार्ता के लिए भेजा।
- मंत्री मिथलेश ठाकुर ने संगठन को दिया अश्वासन, झारखंड में भी जल्द लागू होगा पत्रकार सुरक्षा कानून।
- भाजपा सचेतक बिरंची नारायण पत्रकारों के धरना में शामिल होकर दिया समर्थन, विधानसभा में 2 बार उठाया है पत्रकार सुरक्षा कानून का मुद्दा।
- कांग्रेस विधायक उमा शंकर अकेला ने कहा, चौथे स्तंभ की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून ज़रूरी।
- भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर वे विधान सभा में पुनः बुलंद करेंगे आवाज़।
- कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कहा पत्रकारों के समक्ष होती हैं अनेकों चुनौतियां, संवैधानिक संरक्षण ज़रूरी।
- भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा वर्तमान सरकार में सबसे असुरक्षित हैं पत्रकार। जेजेए की मांगों का करते हैं समर्थन।
- कांग्रेस विधायक इरफ़ान अंसारी ने कहा चौथे स्तंभ सुरक्षित होगा तब ही लोकतंत्र सुरक्षित होगा, पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करे सरकार।
संवाददाता
रांची। भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ की झारखंड राज्य इकाई झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा झारखंड विधान सभा के समक्ष पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के लिए दो दिवसीय धरना का आह्वान संगठन के संस्थापक सह राष्ट्रीय महासचिव शाहनवाज़ हसन द्वारा किया गया था।
आज झारखंड विधान सभा के समक्ष अहले सुबह से ही धरना स्थल पर झारखंड के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में पत्रकार पहुंच गए थे।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से भेजे गए प्रतिनिधि मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून जल्द लागू होगा। पत्रकार सुरक्षा से संबंधित पत्रकारों की सभी मांगें शीध्र पूरी की जायेंगी।मुख्यमंत्री से मिले आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया गया।
ज्ञात हो कि पिछले एक दशक में झारखंड में 5 पत्रकारों की हत्याएं हुई हैं जब कि 39 से अधिक पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज किए गए हैं। जेजेए अपनी स्थापनाकाल से ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग लगातार करता आया है। आज के धरना में धरना में रांची, हजारीबाग, चतरा,पलामू लातेहार, कोडरमा, गिरिडीह सहित अन्य जिलों से बड़ी संख्या में एसोसिएशन से जुड़े पत्रकार शामिल हुए।
एसोसिएशन की ओर से झारखंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष अमरकांत, प्रदेश महासचिव सिया राम शरण वर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष कुमार कौशलेंद्र एवं नवल किशोर सिंह ने छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड में भी पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग झारखंड सरकार के मंत्री मिथलेश ठाकुर, भाजपा सचेतक विधायक बिरंची नारायण, विधायक अनंत ओझा, कांग्रेस विधायक उमा शंकर अकेला, कांग्रेस विधायक इरफ़ान अंसारी, विधायक अंबा प्रसाद एवं भाजपा विधायक मनीष जयसवाल के समक्ष रखा।
भाजपा सचेतक विधायक बिरंची नारायण पत्रकारों के धरना में शामिल होकर मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हों ने झारखंड विधानसभा में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग को सदन में 2 बार उठाया है इसे लेकर वर्तमान सरकार गंभीर नहीं है।
भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर वे विधान सभा में पुनः आवाज़ बुलंद करेंगे । वे पत्रकारों और संगठन के साथ सदैव मजबूती से खड़े रहेंगे।
बरही से कांग्रेस विधायक उमा शंकर अकेला ने कहा, चौथे स्तंभ की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून ज़रूरी है, मैं पूरी शिद्दत के साथ मौजूदा सत्र में इस मुद्दे को उठाएंगे।
बड़कागांव से कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कहा पत्रकारों के समक्ष अनेकों चुनौतियां होती हैं इसलिए उन्हें संवैधानिक संरक्षण प्राप्त होना ज़रूरी है।
हजारीबाग सदर से भाजपा विधायक मनीष जयसवाल ने कहा वर्तमान सरकार में पत्रकार सबसे असुरक्षित हैं। जेजेए की मांगों का वे समर्थन करते हैं और विधान सभा में यदि इस मांग को अकेला जी उठाएंगे 6तो वे भी इनकी मांगों का भरपूर समर्थन करेंगे।
ज्ञात हो कि धरना की सूचना विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिली। मुख्यमंत्री ने धरना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल राज्य के मंत्री मिथिलेश ठाकुर के साथ सत्ता पक्ष के विधायक डॉ इरफान अंसारी और अंबा प्रसाद धरना को धरना स्थल पर भेजा।
सत्ता पक्ष के लोगों ने धरनास्थल पर पहुंच कर मुख्यमंत्री का संदेश पत्रकारों को दिया। बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि झारखंड में पत्रकार सुरक्षा कानून जल्द लागू किया जायेगा। इसके साथ ही पत्रकारों की अन्य मांगों को राज्य सरकार की ओर से शीध्र पूरा किया जायेगा।
जेजेए के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अमरकांत ने विस्तार से बताया कि किन हालातों में पत्रकार सुरक्षा कानून की जरूरत पड़ी है। उन्होंने कहा कि आये दिन पत्रकारों को भी धमकियों व हमलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में पत्रकार सुरक्षा कानून का लागू होना बहुत जरूरी है ताकि कभी ऐसी घटनाएं हो तो उसकी समुचित तरीके से जांच हो और पत्रकारों को न्याय मिल सके।