तार कंपनी एक्सट्रैक्शन प्लांट निर्माण के नाम पर सैकड़ों पेड़ नष्ट करने वाले संबंधित अधिकारियों पर वन विभाग कानूनी कार्रवाई करे: राम सिंह मुंडा

जमशेदपुर। भाजपा झारखंड प्रदेश मीडिया प्रभारी राम सिंह मुंडा ने टाटा स्टील की अनुषंगी इकाई इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (तार कंपनी) के द्वारा टेल्को थाना क्षेत्र के अंतर्गत जेम्को मैदान स्थित, लिप्टस जंगल में नया एक्सटेंशन प्लांट लगाने के नाम पर सैकड़ों पेड़ को नष्ट करने के मामले को लेकर, आज वन प्रमंडल पदाधिकारी ममता प्रियदर्शी को ज्ञापन दिया।

श्री मुंडा ने कहा एक तरफ भारत सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा पर्यावरण को संरक्षित एवं सुरक्षित करने के लिए पूरे देश में पेड़ लगाए जा रहे हैं

एवं नए-नए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर तार कंपनी अपने एक्सटेंशन प्लांट लगाने के नाम पर बरसो पुराना लिप्टस के पेड़ को नष्ट किए जा रहा है

जो कि उचित नहीं है। सरकारी स्लोगन में कहा गया है कि पेड़ को काटना अर्थात जीव हत्या करना; इस स्लोगन को धत्ता बताते हुए कंपनी प्रबंधन ने जहरीला फ्लाई एस डस्ट डंप करा कर हजारों पेड़ को नष्ट करने का काम कर रही है।

आश्चर्य की बात है कि उक्त आशय की जानकारी 11 फरवरी को वन प्रमंडल पदाधिकारी वन क्षेत्र पदाधिकारी को दिया गया था।

परंतु कंपनी के प्रभाव से आज तक इस विषय पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई यह एक गंभीर चिंता का विषय है। श्री मुंडा ने वन प्रमंडल पदाधिकारी से अनुरोध करते हुए कहा कि; सैकड़ों पेड़ उक्त निर्माणाधीन प्लांट स्थल जेम्को मैदान में जहरीले फ्लाई एस डस्ट के कारण सूख गए हैं।

वन विभाग अविलंब सूखे पेड़ को जप्त कर सरकारी गोडाउन में जमा कराए; नहीं तो सभी सूखे पेड़ों को मिट्टी में दफन कर दिया जाएगा एवं सूखे पेड़ों का अस्तित्व ही मिटा दिया जाएगा।

लाखों रुपए मूल्य का वन संपदा सरकारी संपत्ति को सुरक्षित एवं संरक्षित करना विभागीय अधिकारियों का दायित्व बनता है।

उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि एक आम जनता जंगल से पेड़ काटने पर, उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाती है,

जबकि कंपनी के अधिकारियों ने जानबूझकर सैकड़ों पेड़ को नष्ट किया है;

क्या वन विभाग कंपनी के संबंधित अधिकारियों के ऊपर विधि सम्मत कार्रवाई करेगी ?,भारतीय संविधान में सबके लिए समान कानून निर्धारित की गई है

इसलिए सैकड़ों पेड़ नष्ट करने वाले, कंपनी के दोषी अधिकारियों पर विधि सम्मत कार्रवाई की जानी चाहिए। अंत में उन्होंने यह भी कहा; पर्यावरण बचे, तो प्राण बचे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!