सुनील बाजपेई
कानपुर। यहां आज माता के नवरात्र के तीसरे दिन मंदिरों में भक्तों का रेला उमड़ा। आज भक्तों ने मां को बिंदी और मेंहदी अर्पित की। माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है। इस दिन साधक का मन ‘मणिपूर’ चक्र में प्रविष्ट होता है। माँ चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं, दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियाँ सुनाई देती हैं। ये क्षण साधक के लिए अत्यंत सावधान रहने के होते हैं।
इसी के साथ नवरात्र के दिन जैसे-जैसे चढ़ रहे हैं । कानपुर के मंदिरों में मां के भक्तों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। शहर के प्रमुख दुर्गा मंदिरों के साथ ही छोटे मंदिरों में भी नवरात्र के तीसरे दिन भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान दुर्गा मंदिरों में ‘अमृत की बरसे बदरिया अम्बे मां की दुअरिया..’
आदि भजन गुंजायमान होते रहे। गुरुवार का दिन होने के कारण जंगली देवी मंदिर, काली मठिया शास्त्री नगर, बारादेवी किदवई नगर, तपेरी देवी बिरहाना रोड, फूलमती मंदिर जनरलगंज, वैष्णो देवी मंदिर बर्रा, चंद्रिका देवी मंदिर, शीतला माता मंदिर चौक, दुर्गा मंदिर गोविंद नगर सहित शहर के प्रमुख दुर्गा मंदिरों में छात्र-छात्राओं की अच्छी-खासी संख्या देखी गयी। अपने माता-पिता व दोस्तों के साथ मां के द्वारे पहुंचे इन भक्तों ने मां से परीक्षा में पास होने की कामना की। इसी के साथ माता को प्रसाद, नारियल, फूल-मालाएं व चुनरी चढ़ाकर मुरादें मांगीं। इस दौरान हाईस्कूल व इंटर के छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक देखी गयी।
ऐसी मान्यता है कि यहां अखंड ज्योति जलाने से मां मन की हर बात पूरी करती हैं। वहीं मंदिरों में लगने वाले पारम्परिक मेले में खूब भीड़ दिखायी दी। महिलाओं ने जमकर खरीदारी की। इस दौरान माता के दरबार में भजन-कीर्तन गूंजते रहे। जागरण का आयोजन हुआ। नवरात्र के तीसरे दिन भी मुंडन संस्कार हुए। मन्नतें पूरी होने पर बारादेवी मंदिर व काली मठिया मंदिर आदि मंदिर में भक्तगण नंगे पांव चलकर आये।