सड़कों पर कीचड़ के भराव से स्थानीय लोग व छात्र-छात्राओं को आवागमन में होती है परेशानी
अलीगंज। विकासखंड अलीगंज क्षेत्र के वार्ड नंबर 18 लोहारी दरवाजा के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। यहां पक्की सड़क न होने से आवागमन अवरूद्ध बना हुआ है लेकिन अधिकारी इस ओर ध्यान देना नहीं चाहते। स्थानीय लोगों ने कई बार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के सामने भी समस्या को हल करने की गुहार लगाई है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो सकी।
लुहारी दरवाजा के रास्ते उबड़ खाबड़ हैं और नालियां नहीं है। ऐसी स्थिति में गंदा पानी सड़कों पर जमा हो जाता है और यह कीचड़ का रूप ले लेता है जिससे रास्तों से निकलना दूभर होता है। पैदल निकलने वाले लोग व वाहन यहां फिसलते हैं जिससे लोग हर रोज चोटिल होते हैं। स्कूली समय में छात्र इस मार्ग पर सबसे अधिक परेशान होते हैं। क्योंकि कीचड़ भरे रास्तों से निकलते समय उनकी ड्रेस भी खराब हो जाती है, वहीं गंदगी के कारण बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। ग्रामीणों ने कई बार एक जुट होकर इस संबंध में शिकायत की है, लेकिन सड़कें बनवाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं हो सके हैं।
तकरीबन 1200 लोग लोग करते हैँ निवास
वार्ड नंबर 18 लुहारी दरवाजा के स्थानीय लोगों ने बताया कि तकरीबन यहां 1200 लोग निवास करते हैं जो सिर्फ नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। कई बार हम सभी स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन करके कई बार शिकायत पत्र तत्कालीन रह चुके एसडीएम राजीव पांडेय और पीएल मौर्य को प्रार्थना पत्र दिए हैं। लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है कोई भी समाधान नहीं मिला है। सबसे ज्यादा परेशानी तो छात्र-छात्राओं का छोटे-छोटे बच्चों को होती हैं जो आए दिन कीचड़ नुमा गंदगी में गिरकर चोटिल हो जाते हैं।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
आमिर का कहना है कि जलनिकासी का पानी मुख्य मार्ग पर भरा रहता है। इससे लुहारी दरवाजा के लोगों को बीमारियों का प्रकोप सताता रहता है आए दिन कोई न कोई बीमार पड़ता ही रहता है। कई बार अधिकारियों को शिकायत भी की लेकिन समस्या का कोई भी अभी तक समाधान नहीं हुआ हैँ।
ज़यादा बानो का कहना है कि जलभराव से सीसी गलियां बदहाल हो रही हैं। जगह-जगह गड्ढों में पानी भर जाता है। इससे दिनोंदिन सड़कें दुर्दशा की शिकार हो रही हैं। इतना ही नहीं सबसे ज्यादा परेशानी तो छोटे-छोटे बच्चों को होती हैं जो आए दिन गिरकर चोटिल होते रहते हैं।
बानो अपा का कहना है कि गांव में फैली गंदगी से आए दिन संक्रामक रोग फैल जाते हैं। एक साल से अत्याधिक हो चुका है आखिर कब तक नारकिये जीवन जीना पड़ेगा।
जेबा कहना है कि क्षतिग्रस्त हो चुकी नालियों व गलियों की मरम्मत कराने के लिए कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। आए दिन हमें इसी गंदगी से होकर गुजरना पड़ता है जो सिर्फ बीमारियों को निमंत्रण देते हैं। अगर अधिकारी इस ओर जरा सा भी ध्यान दें तो गंदगी से उत्पन्न होने वाली बीमारियों से छोटे-छोटे बच्चों को बचाया जा सकता है।
एसडीएम मानवेंद्र सिंह का कहना है कि अभी मेरे संज्ञान में आया है ईओ से बात करके जल्द ही इस समस्या का निस्तारण कराया जाएगा।
दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश