हत्या की वजह बने हत्यारे की पत्नी से मृतक के अवैध संबंध, निष्पक्ष विवेचना के परिणाम ने लगभग ढेड़ साल बाद कराया आरोपी को गिरफ्तार, मामले में बढ़ाई गई सबूत मिटाने की धारा
5 इंस्पेक्टरों पर आरोपी से मिलीभगत कर विवेचना में हत्या के मामले को आत्महत्या साबित करने के प्रयास का भी आरोप
सुनील बाजपेई/नवयुग समाचार
कानपुरः यहां की कमिश्नरेट पुलिस ने लगभग डेढ़ साल साल पुराने सचिन दीक्षित हत्याकांड का खुलासा करने में सफलता प्राप्त कर ली है। इस मामले में नजीराबाद पुलिस ने विवेचना में सबूत मिटाने की धारा बढ़ाते हुए आरोपी संदीप गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल का रास्ता दिखा दिया। पुलिस के अनुसार 25 अक्टूबर 2021 को लगभग 26 साल के सचिन दीक्षित की लाश नजीराबाद में रहने वाले एक व्यापारी के घर की छत में मिली थी। उसे कंबल से गला दबाकर मारा गया था। इस हत्या की वजह संदीप गुप्ता की पत्नी से मृतक सचिन दीक्षित के अवैध संबंध बने।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मामले की इसके पहले की गई विवेचना में नजीराबाद के 5 पूर्व इंस्पेक्टरों ने आरोपी से मिलीभगत करके हत्या के इस मामले को आत्महत्या साबित करते हुए आरोपी को बचाने की भी भरपूर कोशिश की थी लेकिन जब इस मामले की विवेचना नजीराबाद के वर्तमान थानाध्यक्ष कौशलेंद्र प्रताप सिंह के हवाले की गई तो उनकी निष्पक्षता और पारदर्शिता पूर्ण कर्तव्य के प्रति निष्ठा ने दूध का दूध और पानी का पानी करते हुए आरोपी संदीप गुप्ता को जेल का रास्ता दिखा दिया |
सूत्रों की नजर में अपनी जुझारू नौकरी के अब तक के कार्यकाल में सैकड़ों शातिर अपराधियों को जेल की हवा खिला चुके कई थानों के सफल प्रभारी रह चुके निष्पक्ष और पारदर्शी कार्यशैली के जुझारू कौशलेंद्र प्रताप सिंह की जहां तक एस ओ नजीराबाद के रूप में चुनौतीपूर्ण नियुक्ति का सवाल है, उसे उनकी कानून और शांति व्यवस्था के पक्ष में अपराधियों के खिलाफ और पीड़ितों के हित में अपने कर्तव्य का पालन सदैव निष्ठा और ईमानदारी के साथ करना ही माना जा रहा है। यही नहीं यूपी की पुलिस सेवा में आने के बाद
पीड़ितों की तत्काल सहायता और अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए चर्चित कौशलेन्द्र प्रताप सिंह के अब तक के जुझारू कार्यकाल के विवेचन से यह भी साबित होता है कि हालात चाहे जैसे रहे हों लेकिन निर्दोष फंसे नहीं और अपराधी बचे नहीं जैसी लोकहित की प्रबल विचारधारा वाले सरल और शालीन स्वभाव के भगवान और भाग्य यानी कर्म भरोसे रहने वाले लोकहित में अपनी धुन के पक्के थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी कर्तव्य के प्रति निष्ठा के साथ समझौता आज तक नहीं किया। मतलब अपनी जुझारू नौकरी के सर्वाधिक अल्प कार्यकाल में ही मेडल प्राप्त करने के रूप में अपनी उत्कृष्ट सेवाओं को पूर्ण प्रमाणित करने वाले थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह की कर्तव्य के प्रति पूर्ण निष्ठा, उनकी निष्पक्षता, उनकी पारदर्शिता, उनकी नेतृत्व क्षमता, उनकी अदम्य साहस वाली कर्मठता, उनकी निडरता और उनकी कठोर परिश्रम शीलता अपने कर्तव्य का पालन करने में सदैव अग्रणी ही साबित हुई है|