मध्य प्रदेश पुलिस अमानवीय तरीके से ले गई थी अलीगंज के व्यापारी को
पीडित के लिए बयान, मौके का किया निरीक्षण
अलीगंज– मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा अलीगंज के एक व्यापारी को अमानवीय तरीके से गिरफतार कर ले जाने के मामले में आयोग सख्त हो गया है।
पीडित की शिकायत पर आयोग की टीम ने अलीगंज पहुंचकर पीडित के बयान दर्ज कर सम्बन्धित दस्तावेज एकत्रित किए। टीम ने उस स्थान का भी निरीक्षण किया जहां से व्यापारी को गिरफतार किया गया था।
विदित हो कि नगर के मोहल्ला राधाकिशन निवासी डा0 योगेश चन्द्र जैन जो कि अनेकांत फार्मा के स्वामी हैं को जैन मुनि के बारे में अभद्र टिप्पणी करने का मामले में मध्य प्रदेश के थाना टीकमगढ पुलिस द्वारा अमानवीय तरीके से 10 नवम्बर 2020 उठा आकर मध्य प्रदेश की जेल में बंद कर दिया था।
डा0 योगेश जैन द्वारा उनके विरूद्व पु लिस द्वारा किए गए उत्पीडन की शिकायत करते हुए मानवाधिकार आयोग से कहा कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने बहाने मुझ पर प्राथमिकी दर्ज करवाई गई।
पुलिस मेरी फैक्ट्री पर आई और वहां पर पांच लाख रूपए की लूटपाट की तथा रखा सामान तोड दिया।
इसके अलावा गिरफतारी की सूचना मेरे परिजनों को नहीं दी गई। इसके अलावा टीकमगढ जिला चिकित्सालय पर मेरे उपर हुए प्राणघातक हमला मूकदर्शक रहना आदि हथकडी व जंजीरों से बांधकर वहां के बाजारों में घुमाया तथा भोजन भी नहीं दिया था।
वहां की पुलिस का कहना है कि हमने टीमकगढ से ही उन्हें गिरफतार किया है, जबकि गिरफतारी अलीगंज जिला एटा से की गई थी। पीडित ने तमाम आरोप लगाते हुए मानवाधिकार आयोग के हनन का आरोप लगाकर शिकायत की थी।
घटना के सम्बन्ध में थाना अलीगंज में पीडित के पुत्र ईशान जैन द्वारा पिता के अपहरण की प्राथमिकी भी दर्ज करवाई गई थी। जिसमें सम्बन्धित विवेचक द्वारा फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई है।
इन्हीं सारे आरोपों की जांच को लेकर मानवाधिकार आयोग दिल्ली से आए आईपीएस पाटिल केतन की तीन सदस्सीय टीम ने योगेश जैन के बयान लिए है तथा गिरफतारी स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला है।
समाचार लिखे जाने तक टीम अलीगंज में मौजूद थी। जांच के दौरान जनपद एटा के अलावा अलीगंज पुलिस आयोग की टीम के साथ मुस्तैद रही।
दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश