पुलिस कस्टडी में मौत का मामला : बलवंत के परिजनों से मिले अखिलेश यादव

सपा अध्यक्ष ने की एक करोड़ मुआवजा, पत्नी को सरकारी नौकरी और मामले की जांच रिटायर्ड जज से कराने की मांग

अखिलेश के स्वागत में उमड़े सपाई ,पुलिस से भी धक्का-मुक्की


सुनील बाजपेई
कानपुर। पुलिस कस्टडी में मौत के रूप में हत्या का शिकार हुए बलवंत सिंह का मामला लगातार पूर्व पकड़ता जा रहा है।
इस मामले में आज सोमवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कानपुर देहात में बलवंत के घर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात करने के साथ ही सरकार से एक करोड़ का मुआवजा और उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी तथा घटना की जांच रिटायर्ड जज से कराए जाने की भी मांग की । इस दौरान बड़ी संख्या में उनके स्वागत में सपाइयों का भी हुजूम उमड़ा | इस बीच भीड़ इतनी बढ़ गई कि पुलिस और पब्लिक के बीच धक्का मुक्की हो गई। यहां बातचीत के दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले की जांच रिटायर जज से कराने की भी मांग की।
अवगत कराते चलें कि पुलिस की बर्बरता को प्रमाणित करने वाली इस घटना में मृतक बलवंत सिंह की पत्नी शालिनी ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मदद की गुहार लगाई थी।
याद रहे कि शिवली के मैथा क्षेत्र में सराफा व खाद व्यापारी चंद्रभान सिंह को बाइक सवार बदमाशों ने छह दिसंबर को लूट लिया था। इस वारदात का खुलासा करने के लिए एसओजी व शिवली थाना पुलिस ने संदेह के आधार पर पांच लोगों को हिरासत में लिया था। इसमें चंद्रभान का भतीजा व व्यापारी बलवंत सिंह भी शामिल था।
मिली जानकारी के मुताबिक रनियां थाने में पूछताछ के दौरान पुलिस वालों ने बेरहमी से बलवंत को पीटा था। इससे उसकी जान चली गई थी। मामले में एसपी सुनीति ने 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित था।
अब इस मामले की जांच जांच कन्नौज एसपी के नेतृत्व में गठित एसआईटी कर रही है।
वहीं इस बहुचर्चित बलवंत हत्याकांड में तत्कालीन एसओजी प्रभारी निलंबित दरोगा प्रशांत गौतम, हेड कांस्टेबल दुर्वेश कुमार और कांस्टेबल सोनू यादव को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी थी। जबकि अभी तक फरार चल रहे चार पुलिसकर्मियों की तलाश में लगातार छापेमारी जा रहे हैं |

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