पूर्ण परियोजनाएं एक सप्ताह में हैण्डओवर करें कार्यदायी संस्थाएं: डीएम

बहराइच रू. 50 लाख से अधिक लागत की निर्माणाधीन भवन परियोजनाओं की समीक्षा के लिए वृहस्पतिवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने प्रशासकीय विभागों को निर्देश दिया कि विभागीय निर्माण परियोजनाओं की गुणवत्ता का समय-समय पर स्वयं निरीक्षण कर निर्माण कार्य की प्रगति का नियमित रूप अनुश्रवण कर यह सुनिश्चित करें कि हो रहे निर्माण कार्य शासन द्वारा निर्धारित मानकों खरे उतरें। सम्बन्धित अधिकारियों से कहा गया

कि प्रत्येक माह किये गये निरीक्षण की निरीक्षण आख्या डीएम को उपलब्ध कराई जाये तथा समीक्षा बैठक में निरीक्षण आख्या के साथ सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित होंगे। बैठक से अनुपस्थित रहने पर उ.प्र.रा.नि. निगम के अपर परियोजना प्रबन्धक को नोटिस निर्गत करने के डीएम ने निर्देश दिये।
समीक्षा के दौरान पाया गया कि जनपद में कुल रू. 552.07 करोड़ की लागत से विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत रू. 50 लाख से अधिक लागत की कुल 68 परियोजनाएं आनगोईंग हैं। अब तक रू. 403 22 करोड़ की धनराशि का व्यय कर 94 प्रतिशत वित्तीय एवं 74 प्रतिशत भौतिक प्रगति प्राप्त की गयी हैं। डीएम ने निर्देश दिया कि जिन परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया हैं, उन्हें एक सप्ताह में प्रशासकीय विभागों के हैण्डओवर करा दिया जाए।

साथ ही प्रशासकीय विभागों को निर्देश दिया कि हैण्डओवर होने वाली परियोजनाओं को जनोपयोग में लाया जाय। कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिया गया कि रू. 50 लाख से अधिक लागत की सभी परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराएं तथा इस आशय का प्रमाण-पत्र उपलब्ध करायें कि 50 लाख से अधिक लागत की निर्माणाधीन कोई भी परियोजना उनके मासिक प्रगति रिपोर्ट में उल्लिखित करने से छूटी नहीं है।

डीएम ने निर्देश दिया कि जिन विभागों की परियोजनाओं का निर्माण कार्य लम्बित है और प्रगति स्थिर है, उनके सम्बन्ध जिलाधिकारी की ओर से अर्द्धशासकीय पत्र भिजवाया जाये। डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि जिन स्वास्थ्य उप केन्द्रों के निर्माण हेतु अभी तक भूमि उपलब्ध नहीं उस सम्बन्ध में कार्यदायी संस्था सूपीपीसीएल सम्बन्धित उप जिलाधिकारी से सम्पर्क कर भूमि चयन का कार्य पूर्ण कराकर माह के अन्त तक निर्माण कार्य प्रारम्भ करा दें। साथ ही अनारम्भ हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर के सम्बन्ध में पत्रावली प्रस्तुत की जाए।

डीएम ने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिया कि यदि निर्माणाधीन परियोजनाओं के निर्माण में किसी भी प्रकार का व्यवधान एवं भूमि विवाद उत्पन्न होता है तत्काल प्रशासकीय विभाग को समाधान हेतु अवगत कराया जाए। डीएम ने कहा कि इस सम्बन्ध में प्रशासकीय विभाग का दायित्व होगा कि वे उत्पन्न व्यवधान का समुचित निराकरण कराएं जिससे कार्य की प्रगति एवं निरन्तरता प्रभावित न हो।

कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिया गया कि निर्माण कार्यों को समयबद्ध रूप से गुणवत्ता के साथ मानक के अनुरूप पूर्ण कराएं तथा निर्माण कार्य से सम्बन्धित माइल स्टोन का माहवार लक्ष्य का चार्ट उपलब्ध कराएं, जिसके सापेक्ष निर्माण कार्य की मासिक प्रगति की समीक्षा की जा सके।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एस.के. सिंह, उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी डॉ. अर्चना सिंह तथा सम्बन्धित कार्यदायी संस्थाए एवं निर्माण कार्य से सम्बन्धित प्रशासकीय विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

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