अलीगंज बीते आठ वर्ष पूर्व पुलिस हिरासत में हुई बालकराम की मौत के मामले में गुरुवार को फिर सीबीसीआईडी की दोनों जगह की घटना स्थल का निरीक्षण किया।
अधिकारियों ने बारीकी से फाइलों को खंगाला अधिकारियों की यह कार्यवाही शाम तक जारी रही। बताते चले कि मैनपुरी जनपद के ग्राम भोजपुर निवासी बालकराम 22 जुलाई, 2014 को साईकिल से घरेलू सामान व बाजरा खरीदने के लिए अलीगंज बाजार आया था।
जैसे ही साईकिल अलीगंज के अकबरपुर रोड स्थित तिराहा पर बेरिया के बाग के समीप पहुंची, तभी अलीगंज पुलिस की जीप आई उसमें तत्कालीन थानाध्यक्ष आरके अवस्थी, उपनिरीक्षक राजकुमार, सिपाही ओमवीर सिपाही प्रवीण उतरकर आये और बदमाश कहकर जबरदस्ती बालकराम को गाडी में डालकर कोतवाली ले गये।
आरोप है कि थाने ले जाकर तत्कालीन क्षेत्राधिकरी अलीगंज शमशेर बहादुर सिंह के निर्देश पर चारों पुलिसकर्मियों ने बालकराम की पीट-पीटकर हत्या कर दी। यह खबर किसी तरह गांव पहुंच गई और जहां से यह खबर क्षेत्र में फैल गई। पुलिस की कार्यशैली से आक्रोशित ग्रामीणों ने एटा-अलीगंज मार्ग स्थित कायमगंज तिराहा पर हंगामा काटते हुये 23 जुलाई को सुबह करीब 8 बजे जाम लगा दिया।
पुलिस ने परिजनों को जानकारी दिए बगैर शव को अज्ञात में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बालकराम का कोई आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं था।
मामले के सही खुलासे के लिए जैथरा के सुनील कुमार द्वारा मानवाधिकार आयोग का सहारा लिया गया। इसके उपरान्त आयोग के आदेश पर घटना की जांच सीबीसीआईडी आगरा को सौंपी गई। इसी जांच के सम्बन्ध में सीओ मनोज कुमार, इंस्पेक्टर दिनेश सिंह कोतवाली अलीगंज पहुंचे। अधिकारियों ने मुकदमे के सम्बन्धित सभी दस्तावेजों को देखा।
इसके उपरान्त कैल्ठा के ग्राम प्रधान संतोष यादव से जानकारी। अधिकारियों ने ईदगाह रोड पर पहुंचकर घटना स्थल का निरीक्षण किया तथा जांच कर वापस आगरा चली गई।पूर्व् में भी इस मामले को लेकर सीबीसीआईडी जाँच कर चुकी है टीम को क्या महत्वपूर्ण सुराग लगे है यह तो नही कहा जा सकता है हा इतना जरूर है कि थाने में बालकराम की पीट पीट कर की गयी हत्या से अधिकारी व पुलिस कर्मियों पर गाज गिरना सम्भव है।
दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश
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