भस्मासुर का वरदान साबित हो रहे छुट्टा जानवर,चारो तरफ मचा हाहाकार

संवाददाता आकाश मिश्रा बहराइच

हरदी महसी बहराइच इस समय अन्नदाता बड़ी गंभीर समस्या से परेशान है चारो तरफ त्राहि त्राहि मच गई है वह मुसीबत किसी और ने नहीं किसानों ने खुद पैदा की है जो किसी भस्मासुर के आशीर्वाद से कम नही है लोग अनेकों कठिनाइयों का सामना करके खेती करते है बाकी सब आसान है लेकिन 24 घंटे बचाव कठिन है सीमा पर हमारे जवानों की चुनौती और खेतो में किसानों की चुनौती किसी से कम नही है किसानों का खेती से मोहभंग हो रहा है बेमौसम की मार महंगाई घटता उत्पादन कई चुनौती किसान का कमर तोड़ रही है तार भंडा निगरानी समय से इफको खाद की किल्लत चक्रोट/सड़कों पर अतिक्रमण बच्चो की पढ़ाई का बोझ किसान बहुत ही धर्म संकट में पड़ा है क्या करे क्या न करे सरकार ही कोई रास्ता निकालेगी अन्यथा भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं वो दिन दूर नहीं लेकिन छुट्टा जानवर भी देन किसान की ही है सरकार ने किसानों के पशुओं के कान में बिल्ले लगवाए थे लेकिन सब बेकार हो गए छुट्टा जानवर न जाने कितनो को ऊपर भेज चुके है न जाने कितनो को अस्पताल भेज चुके है न जाने कितने घर बर्बाद हो गए है छुट्टा जानवरो से सड़को पर अतिक्रमण से सड़क हादसे बहुत ही बढ़ गए है सरकार ने कोई ठोस कदम क्यों नही उठाए यह एक चिंता का विषय बन गया है लोग रात दिन एक करके खेतो में फसल सुरक्षा में जुटे है उधर घरों में चोरी आदि घटनाएं ज्यादा बढ़ रही है अगर समय से खेत न जाए तो तार और भंडा गायब आने जाने के लिए चारो चक्रोट/सड़कों पर अतिक्रमण लेकिन पीड़ित तारीख पर तारीख फिर मिली क्या तारीख शासन/प्रशासन सब कुंभकर्णी नींद में सो रही है आखिर कब जागेगी यह समय ही बताएगा गौशालाओं की दैनीय स्थित कुछ समझ नहीं आ रहा है अगर समय रहते समाधान नहीं हुआ तो किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं सरकार फ्री योजनाओं पर अंकुश लगाए लेकिन व्यवस्था में सुधार करे चाहे खेती हो शिक्षा हो स्वास्थ्य हो चाहे न्याय हो आदि दिखावा नहीं हकीकत करे चढ़ा पतीला स्कूले मा पढ़ाई गई सब चूल्हे मा न्याय से उठ रहा लोगो का भरोसा बढ़ते अपराध का मुख्य कारण है सड़को पर नाली जानवर घूर गढ्ढे सड़क हादसे का मुख्य कारण जिम्मेदार मौन है 5 वर्ष में प्रधान 10 डाली मिट्टी सड़क पर डलवाई तो एक दिन में 10 डाली मिट्टी जानवर खत्म कर देता है जिसको कौन डालेगा कोई मुसीबत हो तो अलग बात है लेकिन यह एक मर्दानगी है जिसकी जड़ हम और आप ही है लेकिन न तुम कहो हमारी न हम कहे तुम्हारी वही शंकर जी और भस्मासुर वरदान वाली कहावत सिद्ध हो रही है।

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