चाईबासा : मणिपुर के कांगपोकपी जिले में हुए 2 कुकी समुदाय की आदिवासी महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार एवं हिंसा को लेकर कोल्हान के चाईबासा में विभिन्न सामाजिक संगठनों के सैकड़ों लोग विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे। यहां चाईबासा पोस्ट ऑफिस के पास पीएम नरेंद्र मोदी एवं मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह का पुतला दहन किया ।
इसमें भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी।
सामाजिक कार्यकर्ता सह झापा युवा के जिलाअध्यक्ष रेयांस सामड ने कहा कि संविधान में आदिवासियों को विशेष दर्जा प्राप्त है परंतु आज देशभर में कई जगहों पर आदिवासी, दलित एवं शोषित वर्गों के साथ हमेशा से अत्याचार होते आ रहा है। भाजपानीत सरकार के तानाशाह कहते हैं बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ , मगर देखिए आज बेटियों का हाल।
मणिपुर जल रहा है और प्रधानमंत्री विदेशों का सैर कर रहे हैं। स्मृति ईरानी चूड़ियां तोड़ने वाली आज महिलाओं के साथ हो रही मर्माहत घटना को लेकर भी मौन है।
नारायण कांडेयाँग ने कहा कि मणिपुर हिंसा काफ़ी ह्रदयविदारक और भयावाह होती जा रही है, जो देश के लिए अति चिंता का विषय है।
मणिपुर के हिंसा के लगभग ढाई महीने बीत जाने के बात भी आज तक इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार ने आज तक ठोस कदम नहीं उठाया है। इससे भाजपा की सोच का पता चलता है । उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
मौके पर रमेश जेराई, मधुसुधन बनरा,नारायण कंडयंग, सुशीला बोदरा, अर्पित सुमन टोप्पो, ज्योत्स्ना तिर्की, मिली बिरूवा, विनोद सवैया, अमृत माझी, सन्नी सिंकु आदि उपस्थित थे।