जमशेदपुर : रविवार को बिष्टुपुर स्थित श्रीकृष्ण सिंहा संस्थान में प्रबुद्ध शिक्षाविद् एवं समाजसेवी हरिवल्लभ सिंह आरसी की अध्यक्षता में एक विचार गोष्ठी आयोजित की गयी। उक्त विचार गोष्ठी में सर्वसम्मति से भागीरथवंशी महाशहीद आत्मशांति यज्ञ आयोजित करने पर आम सहमति बनी ।
कार्यक्रम संयोजक रमेश कुमार ने कहा कि देश विभाजन के समय लाखों हिन्दुओं की निर्मम हत्याएं कर दी गई। परिवार के परिवार अकाल मौत के गाल में समा गये , वंश में कोई सनातनी परंपरा के तहत श्राद्ध कर्म तक करने वाले नहीं बचा। ऐसे में उन लाखों हिंदुओं के आत्मा की शांति के लिए जमशेदपुर में हिन्दू पहल करेगा। अपने पूर्वजों के लिए जमशेदपुर में हिंदू जागृत हुआ है। आने वाले दिनों में पूरे विधि विधान से सनातनी परंपरा के अनुसार देश बंटवारे के वक्त शहीद होने वाले लाखों हिंदू भाई – बहनों के आत्मा की शांति के लिए वृहत रूप में अनुष्ठान किया जाएगा। ताकि उनकी आत्मा को मोक्ष प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक कमेटी का गठन किया जाएगा। ताकि यज्ञ सफलता पूर्वक संपन्न हो सकें। उन्होंने तमाम सनातन धर्म को मानने वाले लोगों से यज्ञ में सहयोग करने की अपील की। यज्ञ के तारीख की घोषणा आगामी बैठक में करने का निर्णय लिया गया।
जाति के भेदभाव को भुलाना समय की मांग : आरसी
हरिवल्लभ सिंह आरसी ने कहा कि देश और समाज को बचाने के लिए जाति के भेद को भुलाना पड़ेगा। हिंदुओं को एक होना पड़ेगा। शादी व्याह आदि में अनर्गल खर्च को कम करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि समाज को पैसे की बरबादी रोकने पर बल देना चाहिए तथा उन पैसों को समाज में कमजोर वर्ग की मदद में लगाना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि मनुष्य को पशु बनने से रोकने के लिए संस्कार भरने की जरूरत है। यदि समाज इन कही हुई बातों पर अमल नहीं किया तो आने वाला वक्त उन्हें इन सारी बातों को मनवाने के लिए मजबूर कर देगा। उन्होंने समाज को जागृत करने के जनजागरण अभियान चलाने की बात कही।
गोष्ठी में निम्नलिखित लोग थे शामिल
गोष्ठी में श्रीकृष्ण सिंहा संस्थान के प्रमुख हरिवल्लभ सिंह आरसी , तुलसी भवन के मानद सचिव प्रसेनजित तिवारी , रमेश कुमार , यमुना तिवारी व्यथित, दीपक कुमार, कन्हेया दुबे , विजय कुमार साही , कृष्णकांत मिश्रा, रघुनाथ सिंह, गंगेश्वर दुबे , ताराशंकर मुखर्जी , रविंद्र प्रताप सिंह, चंद्रहंस मिश्रा, सतीश कुमार सिंह, डॉ अंगद , डीएन सिंह , बृजेन्द्र राय , बलिराम शर्मा , अवधेश कुमार , चंदन कुमार , रतन शर्मा , श्यामज्ञानी शाही , धनजी पांडेय , उमाशंकर तिवारी , भगवती शरण तिवारी आदि उपस्थित थे।