सरायकेला स्थित बड़ा कांकड़ा ग्राम में लगभग 25 वर्षों से वैध राज (सुकरा अमांग) फ्रैक्चर ‘टूटे हुए हड्डी’ को जोड़ने का सेवा देते रहे जिनका दिनांक 11अगस्त 2023 को ब्रह्मानंद अस्पताल में हृदय गति रुकने से निधन हो गया।
उनके अनुज भ्राता बिश्वनाथ अमांग ने बताया कि स्वर्गीय सुकरा अमांग जी सरायकेला के ग्राम-सत्रुसाल् मे अपने गुरु से टूटे हुए हड्डी को जोड़ने की शिक्षा ली थी जहां उन्होंने 10 साल तक अपनी सेवा दिया इसके पश्चात ग्राम – बड़ाकांकड़ा मे वर्ष 1998 से सेवा देना शुरु किया, जहां दूर-दूर से, दूसरे राज्यों से यहां तक की अस्पताल में भर्ती हुए मरीज भी अस्पताल से उठकर यहां इलाज के लिए आते रहें और वैध राज सुकरा अमंग निःशुल्क लोगों की सेवा करते रहें।
वैसे जो लोग अपने इच्छाशक्ति से कुछ देना चाहते थे उसे स्वीकार किया जाता था। अक्सर यहां मरिज रोते हुए आते थे और हंसते हुए अपने घर को जाते थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में उनकी पत्नी का देहांत हो गया था वे अपने पीछे अपने एक पुत्र (छोटराय अमांग) और उनके परिवार छोड़ गए। उनका शिष्य बिनु अमांग, बिश्वनाथ अमांग एवं विभीषण सांडी ने मीडिया को बताया कि स्वर्गीय सुकरा अमांग जी के मानवीय कार्य को हम लोग जारी रखेंगे।
बताते चलें कि इस संवाद के लेखक स्वयं धनंजय कुमार ने अपने टूटे हुए पैर का इलाज के लिए वैध राज (सुकरा अमांग) के पास गए थे जहां उन्हें फ्रैक्चर वाले स्थान पर जड़ी बूटी लगाकर पट्टी की गई थी और एक सप्ताह बाद जड़ी बूटी वाली पट्टी खोलने पर एक्स-रे कर देखा गया कि फ्रैक्चर पूरी तरह से ठीक हो चुका था।
विशेष संवाददाता धनंजय कुमार (7857826506) की रिपोर्ट।