रक्तदान शिविर में बने वालंटियर, अब खुद के जोड़े हुए पैसे से स्कूल को देगें बोर्ड
बिलासपुर, छत्तीसगढ़। खेलने कूदने और पढ़ाई के साथ शहर के दो होनहार बच्चे आरव खंडूजा और राजवीर लाठ समाजसेवा का पर्याय बन चुके हैं। मानव सेवा ईश्वर की सच्ची सेवा मानी जाती है और अगर जनसेवा की भावना बचपन से ही आ जाए तो इससे बेहतर एक सभ्य समाज के लिए और कुछ नहीं हो सकता। बिलासपुर में समाजसेवियों द्वारा अलग-अलग आयोजनों में अपनी जिम्मेदारियां का निर्वहन किया जाता है लेकिन अब समाज सेवा सिर्फ बड़ों का एक कर्तव्य नहीं रह गया बल्कि छोटी उम्र के बच्चे भी अपनी सहभागिता से समाज में मिसाल पेश कर रहे हैं।
बिलासपुर में रहने वाले ऐसे ही दो बच्चे छोटी सी उम्र में समाज को नई दिशा दिखाने की राह पर चलते नजर आ रहे हैं। दरअसल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शहर के निजी होटल और राजीव प्लाजा में विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जहां बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान कर अपना योगदान दिया।
कार्यक्रम के दौरान 10 वीं कक्षा में पढ़ने वाले आरव खंडूजा और 7वीं कक्षा में पढ़ने वाले राजवीर लाठ ने रक्तदान करने आए लोगों को प्रेरित करने के साथ-साथ वॉलिंटियर का कार्य किया। इसके अलावा दोनों बच्चों ने पर्यावरण के संबंध में वृक्षारोपण की महत्ता पर जानकारी प्रदान की।
इतना ही नहीं दोनों बच्चों द्वारा बिलासपुर के तारबाहर स्थित घोड़ादाना स्कूल को अपने जोड़े हुए पैसों से 4 ग्रीन बोर्ड और एक नोटिस बोर्ड भी प्रदान करने जा रहे हैं। पायल एक नया सवेरा फाउंडेशन की संस्थापिका पायल लाठ ने बताया कि बालपन में ही ऐसी जिम्मेदारी समाज के लिए मिसाल पेश करेगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य तैयार करने में सकारात्मक भूमिका निभायेगी।