झारखंड सरकार की अतिमहत्वकांक्षी योजना जिसे सर्वजन पेंशन योजना के नाम से जाना जाता है। माह जुन 2022 से लागु हुआ। इस योजना को लागु होने के बाद माननीय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन से प्रखंड अन्तर्गत प्रखंड विकास पदाधिकारी के नेतृत्व में बहरागोड़ा प्रखंड अन्तर्गत अब तक 4431 लाभुक इस योजना से जुड़ चुके है। जिसमें मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना 3478, मुख्यमंत्री राज्य निराश्रित महिला सम्मान पेंशन योजना 581, स्वामी विवेकानन्द निःशक्त स्वावालंबन प्रोत्साहन योजना के 358, मुख्यमंत्री राज्य आदिम जनजाति पेंशन योजना के 12 एवं एचआईवी/एड्स पीड़ित सहायतार्थ पेंशन योजना 02 लाभुक शामिल है। माननीय मुख्यमंत्री की यह दूरदर्शी सोच का परिणाम है कि समाज के प्रत्येक योग्य महिला एवं पुरूष को पेंशन योजना से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए सबसे पहले बीपीएल की बाघ्यता को समाप्त किया गया। अब समाज को कोई भी व्यक्ति जो 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र का वृद्धा हो तथा अन्य पेंशन धारक नहीं हो, समाज की कोई भी परित्यक्त महिला/विधवा/निरीश्रित हो, दिव्यांग, आदिम जनजाति का हो, एचआईवी पीड़ित हो, उसे राज्य सरकार पेंशन दे रही है। महीेने के पहले सप्ताह में ही पेंशन का भुगतान लाभुक के खाते में किया जा रहा है। साथ ही प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा सभी पंचायत के पंचायत सचिव को भी पेंशन के किसी भी आवेदन को प्राथमिकता पर निष्पादन के निर्देश दिये है। प्रखंड अन्तर्गत खण्डामौदा पंचायत के पार्वती नायेक उम्र-30 वर्ष जिन्हें मुख्यमंत्री राज्य विधवा सम्मान पेंशन योजना से पेंशन का लाभ दिया गया है। उनके द्वारा बताया गया कि पति के मृत्यु हो जाने से पैसे की कितनी समस्या होती है एवं दो छोटे-छोटे बच्चे है। पैसे के समस्या के कारण मुझे बच्चों का भरण-पोषण परिवार चलाना, खाने-पीने, कपड़ा आदि में काफी समस्या हो रही थी, मेरे पास पैसे कमाने का कोई साधन नहीं था। पेंशन का लाभ मिलने के बाद मुझे प्रतिमाह 1000/- रूपये महीने के प्रथम सप्ताह में ही बैंक के खाते में प्राप्त हो जाती है। प्रखंड अन्तर्गत गामारिया पंचायत के पुलिन मुण्डा उम्र-74 वर्ष जिन्हें मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना से पेंशन का लाभ दिया गया है। उनके द्वारा बताया गया कि वृद्ध होने के कारण मैं चलने-फीरने में असमर्थ हुँ तथा कुछ काम नहीं कर पाने के कारण पैसा भी नहीं कमा पाता हूँ। पैसा नहीं होने के चलते मैं अपना दवा, कपड़ा आदि नहीं खरीद पाता था। वर्तमान में पेंशन का लाभ मिलने के बाद मुझे प्रतिमाह 1000/- रूपये महीने के प्रथम सप्ताह में ही बैंक के खाते में प्राप्त हो जाता है, जिससे में अपना दवा आदि ससमय खरीद सकता हुँ। प्रखंड अन्तर्गत खण्डामौदा पंचायत के त्रिलोचन बेरा उम्र-46 वर्ष जिन्हें स्वामी विवेकानन्द निःशक्त स्वावालंबन प्रोत्साहन पेंशन योजना का लाभ दिया गया है। उनके द्वारा बताया गया कि निःशक्त होने के कारण मैं चलने-फीरने में असमर्थ हुँ तथा कुछ काम नहीं कर पाने के कारण पैसा भी नहीं कमा पाता हूँ। पैसा नहीं होने के चलते मैं अपना दवा, कपड़ा आदि नहीं खरीद पाता था। साथ ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये ट्राईसाईकिल अगर खराब हो जाती है तो उसे बनाने में असमर्थ था। वर्तमान में पेंशन का लाभ मिलने के बाद मुझे प्रतिमाह 1000/- रूपये बैंक खाते में प्राप्त हो जाती है, जिससे में अपना दवा आदि ससमय खरीद सकता हुँ। उसने कहा; हम माननीय मुख्यमंत्री, जिला प्रशासन, प्रखंड एवं पंचायत के पदाधिकारी/कर्मी का शुक्रगुजार करता हूँ।