आलू के दाम गिरने से कोल्ड स्टोरेज से निकासी हुई ठप्प!
आखिर क्या करें किसान एक तरफ मंदी दूसरी तरफ कोल्ड का किराया कहाँ से होगी भरपाई!
अलीगंज/एटा।सब्जियों का राजा आलू किसानों को रंक बना रहा है। आलू के दाम गिरने से किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज का किराया और लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है। यही कारण है कि अलीगंज में दो कोल्ड स्टोर में किसानों का आलू भरा है।जिसकी अब समय सीमा अवधि समाप्त होने में कुछ जी दिन शेष रह गए है।कोल्ड में लगभग काफी मात्रा में आलू भंडारित है। अगर किसानों ने आलू की निकासी नहीं की तो कोल्ड स्टोरेज संचालकों को आलू फेंकना पड़ेगा। वही जो आलू खराव होने की स्थति में है कोल्ड मालिकों ने कोल्ड के बाहर रखना शुरू कर दिया।वही जिन किसानों के कोल्ड में आलू रखे है उनको सूचित किया गया है और समय सीमा भी बता दी गयीहै।
बताते चले कि अलीगंज में किसानों की सुविधा के दो आलू कोल्ड स्टोर संचालित है।इन दोनों कोल्ड स्टोर में क्षेत्रीय किसान अपने आलू की फसल को कोल्ड में रखता है।
किसान आलू की खेती करते कीमतें गिरने से किसानों के सामने कोल्ड स्टोरेज का किराया और लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है। यही कारण है कि अब भी कोल्ड स्टोरेज में काफी लागत का आलू किसानों का रखा है जो मंदी होने के चलते किसान कोल्ड से आलू को नही छूटा रहा है। किसान कहता है इस समय आलू काफी सस्ता हो गया है मूल्यों में काफी गिरावट आ गयी है मूल्य गिरावट के चलते अब कोल्ड का भी खर्चा देना मुश्किल हो रहा है जितने पैकिट कोल्ड में रखे है उनकी आज कीमत काफी गिर चुकी है।ऐसे में किसानों का आलू सड़ना तय है।वर्तमान में हाईब्रिड आलू की कीमत 500 रुपये प्रति क्विंटल तो चिप्साना आलू की कीमत 800 से 900 रुपये प्रति क्विंटल है। इसमें से किसानों को आलू के भंडारण के लिए ही 250 रुपये प्रति क्विंटल का शुल्क चुकाना पड़ रहा है। बाकी बची धनराशि में किराया, बारदाना समेत अन्य खर्च भी शामिल हैं। यही कारण है कि आलू में किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है।
दूसरी तरफ कोल्ड स्टोरेज संचालकों की चिंता भी बढ़ गई है। 30 नवंबर तक नियमानुसार कोल्ड स्टोर का संचालन होता है। लेकिन आलू की बुवाई के दौरान 90 प्रतिशत तक आलू की निकासी हो जाती है। वर्तमान में आलू की निकासी का काम चल रहा है, लेकिन निकासी महज 70 प्रतिशत ही हो सकी है। कोल्ड स्टोरेज संचालकों के संपर्क के बाद भी किसान कोल्ड से आलू नही निकाल रहे हैं।
बताते चले अलीगंज में रामनिवास कोल्ड स्टोर में लगभग 12 हजार पैकिट आलू रखा है। बताया गया कि किसान को आलू रखने के बाद कोल्ड में लगभग 40 हजार रूपये प्रतिदिन का खर्चा आता है जिसमे जनरेटर लेबर विजली आदि खर्च शामिल होता है। कोल्ड मैनेजर ने बताया कि इस समय पुखराज ख्याति हाईलैंड आलू कोल्ड में रखा है। किसानों को सूचना दे दी गयी कि अपने आलू निकाल लें अन्यथा आलू सड़ जायेगा।वही अलीगंज में श्याम विहारी कोल्ड स्टोर में लगभग 15 हजार आलू के पैकिट कोल्ड में रखे है। आलू मन्दा होने के बाद किसान आलू को कोल्ड से छुड़ा नही रहे हैं।जो आलू सड़ गया है वह बाहर निकाल कर गलियों में डाला जा रहा है।
क्या कहते हैं किसान——
किसानों का कहना है कि इस बार आलू की हालत काफी खराब हो गयी है।लागत लगाने के बाद भी कीमत नही मिल पाती है। हर बार हम लोगों को घाटा हो जाता है कभी कुदरत की मार तो कही मंदी। मनचाही कीमत न मिल पाने के चलते कोल्ड में आलू नही निकाल पा रहे हैं।पैकिट की कीमत से आलू रखने व छुड़ाने का खर्चा कोल्ड में काफी पड़ रहा है।इससे तो यही ठीक है कि आलू को न छुड़ाए।
मेरे अलीगंज रामनिवास कोल्ड में लगभग 250 पैकिट आलू के रखे हैं।कोल्ड मालिक द्वारा सूचना भी दी गई लेकिन आलू काफी सस्ता है। ऐसे में पैकिट को कोल्ड से छुड़ाने के लिये लगभग 35 से 40 हजार रूपये कोल्ड का खर्चा देना होगा इतना पैसा पास नही है।
अनुज प्रताप सिंह किसान
अमरौली अलीगंज।
मेरे अलीगंज के श्याम विहारी कोल्ड स्टोर में लगभग 325 पैकिट आलू रखे है। ये आलू कोल्ड से छुड़ाने के लिए 40 से 45 हजार रुपये देने होंगे। ऐसे में मन्दा है क्या किया जाये।
सुशील शाक्य किसान
ग्राम पचन्दा अलीगंज।
मेरे द्वारा जिन किसानों के आलू कोल्ड में रखे है फोन के माध्यम से सूचना दे दी गयी है।30 नबम्बर लास्ट समय है।आलू खराब हो रहा है।लेकिन किसान कोल्ड से आलू को निकालने का नाम नही ले रहा है।
गुडूडू मैनेजर श्याम विहारी कोल्ड स्टोर —अलीगंज।
मेरे द्वारा किसानों को अवगत कराया गया 30 नवम्बर तक यदि किसान अपने आलू नही निकालते हैं तो वहः स्वयं जिम्मेदार होंगे।
पवन मिश्रा रामनिवास कोल्ड स्टोर अलीगंज
दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश