28 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में सिर्फ खतियान पर आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति वाली डोमिसाइल पाॅलिसी और आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने वाला बिल दोबारा लाने की तैयारी करें हेमंत सोरेन सरकार-विजय शंकर नायक

रांची

उपरोक्त बातें आज झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय संयोजक सह झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक नें आज माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को (ईमेल पत्र) भेजकर उक्त बातें कहीं* । इन्होंने यह भी कहा कि जो पिछले साल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सरकार ने दोनों बिल पारित कराए थे । लेकिन, राज्यपाल ने एक सोची समझी साजिश के तहत मंजूरी नहीं दी थी । उन्होंने एक-एक कर दोनों विधायकों को संवैधानिक प्रावधानों, और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों खिलाफ बताते हुए लौटा दिया था जो झारखंडी समाज के हितों के विरुद्ध था ।

श्री नायक ने आगे कहा कि दोनों विधायकों को लेकर की गई आपत्तियों पर हेमंत सरकार विधिक परामर्श ले और इसी को आधार बनाकर नए सिरे से दोनों विधेयक को मजबूती के साथ लाने की तैयारी करें ताकी झारखंडी हितों की रक्षा कि जा सके । उन्होंने यह भी कहा कि दोनों विधेयक झारखंडी समाज के लिए जीवन और मरण तथा अस्तित्व और विकास तथा पहचान के प्रश्न है जिसे छोड़ा नहीं जा सकता ।

इस बार(1932 ) के खतियान का बात ना कर के सिर्फ खतियान आधारित स्थानीय, एवं नियोजन विधेयक को तत्काल रुप से तथा झारखंड पदो औऱ सेवाएं की रिक्तियां में आरक्षण संशोधन विधेयक को इस बार तमिलनाडू आरक्षण के तर्ज पर सभी पहलुओं पर विधिक परामर्श लेकर ही दोनों विधेयकों को ध्वनी मत से पारित कराने का काम मजबूती से किया जाए*।

श्री नायक ने आगे कहा की दोनों विधेयक पर गंभीरता पूर्वक समीक्षा करें औऱ यह देख ले कि यह संविधान के अनुरूप है या नहीं यह भी समीक्षा करने की आवश्यकता
है कि विधेयक से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना तो नही हो रही है । इसलिए इस बार कोई कोताही किंतु-परंतु नहीं की जानी चाहिए, और ठोक बजाकर दोनों विधायकों को इसी सत्र में ही पारित कराने पर जोर दिया जाना चाहिए।

ताकि वर्षों से झारखंडी समाज के सपनों और उनके भावनाओं को पूरा किया जा सके तथा राज्य में पिछड़े वर्गों को 27% अनुसूचित जाति को 12% अनुसूचित जनजाति को 28% आरक्षण देने पर इन वर्गों का चहुमुखी समग्र विकास होगा और आने वाले दिनों में सभी रिक्तियों में इनकी हिस्सेदारी के साथ पूर्ण रूप से भागीदारी होगी जिससे झारखंड मुक्ति मोर्चा को आने वाले चुनाव में इसका लाभ मिलेगा अन्यथा 2024 के चुनाव में हेमंत सोरेन को 100% जाना सुनिश्चित है इसलिए मुख्यमंत्री जी इस बार मत चूको चौहान वाली नीति को अपनाते हुए झारखंडी समाज का जो आपने चुनावी वादा किया था उस वादा को पूरा करने का काम करें ।

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