फूलगोभी के नहीं मिल रहे अच्छे दाम, उपज पर ट्रैक्टर चलने को मजबूर किसान

मंडी में 1 रूपये किलो भी नहीं बिक रही फूलगोभी

अलीगंज। इन दिनों अलीगंज क्षेत्र में गोभी की तुड़ाई का कार्य चल रहा है। लेकिन मंडी में फूल गोभी पर मंदी की मार इस कदर पड़ रही है, जिसके चलते किसान लाचार और बेबस नजर रहे हैं। यहां फूल गोभी 80 पैसे से लेकर 1, डेढ़ रुपए किलो के भाव से किसानों को मजबूरी में बेचनी पड़ रही है। किसानों की तो आर्थिक हालत पतली हो ही रही है हालात यह है कि फायदा तो दूर की बात है किसानों को उगाई गई सब्जी की फसल का खर्च निकालना ही मुश्किल हो रहा है।

किसानों की मानें तो अन्य वर्षों की अपेक्षा बाजार में गोभी की सब्जी बहुत सस्ती बिक रही है। जिसके चलते खेतों में किसानों की हालत काफी खस्ता है। जिनमें वे अपनी उपज को फेंक रहे होते हैं या फसलों पर ट्रैक्टर चला रहे हैँ। किसानों की शिकायत है कि जब खेती में लगे मजदूर का भी खर्च नहीं निकलेगा, तो किसान अपनी पैदावार का क्या करेगा।

किसानों को अपने सब्जियों के सही मूल्य नहीं मिल रहे हैं. इससे किसानों में घोर नाराजगी देखी जा रही है। फूलगोभी का सही मूल्य बाजार में नहीं मिल रहा है. किसानों ने बताया कि एक रुपया फूलगोभी बाजार में बेचने को मजबूर हैं. इस कारण उन्हें अपनी लागत निकालने में भी मुश्किल हो रही है. उचित मूल्य नहीं मिलने से परेशान किसान अपने खेतों में लगी गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर रौंद रहे हैं। ऐसी हालत एक किसान की नहीं है बल्कि कई किसानों की यही समस्या है

अगोनापुर, जुनेदपुर, कुदेशा, हृदयपुर, पलरा, पछन्दा, हासियापुर, कालिंजर, वामन नगला, झकराई, के किसानो का कहना हैँ कि फसल कि सही लागत नहीं मिलने और खेती में हुए घाटे की भरपाई के लिए सरकार से मुआवजा चाहते हैं. किसानों ने बताया कि अगर बाजार की यही स्थिति रही तो किसान खेती किसानी करना छोड़ देगा।

क्या कहते हैं किसान—

अलीगंज क्षेत्र के अगोनापुर निवासी किसान मेघनाथ ने बताया कि मैने 2 एकड़ में फूल गोभी की सब्जी उगा रखी है। करीब 4 महीने की मेहनत के बाद अब जाकर गोभी की फसल तैयार हुई थी। इस पर अब-तक करीब 60 हजार खर्च हो चुके हैं। लेकिन मुझे 80 पैसे और एक रुपए प्रति किलो के हिसाब से ही फूलगोभी बेचनी पड़ रही है। फूलगोभी एक रुपये किलो बेचने पर भी कोई नहीं ले रहा है. ऐसे में उन्हें बेचने का क्या फायदा. उनकी खेती की लागत भी नहीं निकल पा रही है इसलिए मैं अपनी उपज में रोटावेटर चला रहा हूं जिससे अगली फसल की तैयारी की जा सके। घर में बेटी की शादी है पहले से ही खेती के लिए कर्ज ले रखा है।

अलीगंज क्षेत्र के अगोनापुर निवासी किसान दुर्गादत्त नें बताया कि फूलगोभी की स्थिति ये हो चली है कि उसे बकरी और गायों को चारे के रूप में खिलाया जा रहा है. बाजार में इन सब्जियों की कोई मांग नहीं रह गई. यहां तक कि एक रुपया किलो भी खरीदने वाला कोई ग्राहक नहीं है. किसान इन फसलों के खेत में ट्रैक्टर चला कर अगली फसल की तैयारी में लग गए हैं।

किसान मुकेश कुदैसा ने बताया कि हमने खेतों में अच्छी किस्म की महंगे भाव वाला बीज लगाया था, ताकि गोभी का फूल अच्छा होगा, तो कीमत भी बढ़िया मिलेगी, लेकिन इस साल गोभी की कीमतें नहीं मिल पा रही हैं। हम लोग को बेचने के लिए पास आगरा, कानपुर, सुल्तानपुर, अयोध्या बेचने के लिए जाते हैँ।

अमरोली रतनपुर निवासी फूलगोभी और बंदगोभी का दाम एक-दो रुपये भी नहीं मिल रहा है. इसलिए पूरी फसल पर वे ट्रैक्टर चला रहे हैं. इस फसल को निकालने और बाजार तक ले जाने का भी खर्च नहीं निकल रहा है।
दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश

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