सुनील बाजपेई
कानपुर। यहां पालतू बिल्ली के काटने बाद प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक और उसके जवान बेटी की भी मौत हो गई, जिसके बाद बाद परिवार में कोहराम लगातार जारी है। इसके पहले उनकी पालतू बिल्ली को दो महीने पूर्व कुत्ते ने काट लिया था। परिवार ने एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के बजाय सिर्फ टिटनेस के इंजेक्शन लगवाए थे।
यह मामला कानपुर देहात के अशोक नगर का है। जहां के 58 वर्षीय इम्तियाजुद्दीन निबौली प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक थे। बीते मंगलवार रात उनकी सैफई में मौत हो गई और करीब एक सप्ताह पहले उनके 25 वर्षीय बेटे अजीम उर्फ अज्जू कीभी तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई थी।
जानकारी के मुताबिक उनकी पालतू बिल्ली को करीब दो महीने पहले पागल कुत्ते ने काट लिया था। उसका इलाज कराया गया, लेकिन रेबीज से संक्रमित होकर वह हिंसक हो गई। जिसके बाद उसने इम्तियाजुद्दीन व अजीम को काटने के साथ इम्तियाजुद्दीन की पत्नी नौशाद व बेटी को भी पंजा मारा था। जिसपर परिवार ने सिर्फ टिटनेस का इंजेक्शन लगवाया था।
वहीं अजीम की मौत के बाद परिवार ने जिला अस्पताल पहुंच कर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई थी। जो वैक्सीन 24 से 48 घंटे के भीतर लगवानी चाहिए थी, उसे लगवाने में दो माह का समय लिया।
पड़ोसियों के मुताबिक कुत्ते के काटने के कुछ दिन बाद बिल्ली भी मर गई थी। तबीयत बिगड़ने से पहले इम्तियाजुद्दीन पानी से डरने लगे थे। फिलहाल घटना के बाद परिवार में अब तक कोहराम बंद नहीं हुआ है।