जमशेदपुर। सिविल कोर्ट में शनिवार 9 दिसंबर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। उस अदालत मे कुल 11,427 कोर्ट केसों का निष्पादन किया गया, जिसमें 54 करोड़ 71 लाख 43 हजार 022 रुपयों की राजस्व प्राप्ति हुईं। नेशनल लोक अदालत का उदघाटन व्यवहार न्यायालय जमशेदपुर के लोक अदालत हॉल में विधिवत रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा, विशिष्ठ अतिथियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय अमितेश लाल, प्रधान अपर सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार सिन्हा, पॉक्सो स्पेशल कोर्ट न्यायधीश कमलजीत चोपड़ा, स्टेट बार कौंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ल, डालसा के सचिव नितीश निलेश सांगा आदि मौजूद रहे।
मौके पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज के वर्तमान समय मे लोक अदालत का बहुत बड़ा महत्व है। लोक अदालत के माध्यम से अपने मामले का त्वरित समाधान पाकर समय और पैसा दोनों की बचत कर सकते हैं वहीं स्टेट बार कौंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि समझौता द्वारा मामले का निष्पादन करने में झारखंड सबसे पहले पायदान पर है उन्होंने कहा कि नालसा, झालसा और डालसा समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाने में काफी मददगार साबित हुई है। नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक मामले का समाधान के लिए जमशेदपुर एवम घाटशिला मिलाकर कुल 17 बेंचो का गठन किया गया था। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव नीतीश निलेश सांगा ने बताया कि सुलह योग्य सभी प्रकृति के मामलों का नेशनल लोक अदालत में निपटारा किया गया।
जिसमें मुख्य रूप से वन अधिनियम, बिजली अधिनियम, मापतौल अधिनियम, उत्पाद अधिनियम, बैंक ऋण, चेक बाउंस, श्रम अधिनियम, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, मोटरयान दुर्घटना मुआवजा, भूमि अधिग्रहण से संबंधित वाद, खान अधिनियम, पारिवारिक वाद, सुलह योग्य आपराधिक और दीवानी मामले आदि के केस शामिल है। बचते चले की नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने में कोर्ट स्टाफ सहित पैनल लॉयर्स एवं पीएलवी की सार्थक भूमिका रही। एक मोटर वाहन दुर्घटना व एक कमर्शियल वाद का निष्पादन 84 लाख व 8 करोड़ मे हुई जो एक खास उपलब्धि है।
इस अदालत में आज एक मोटर वाहन दुर्घटना केस में मृतक रेलवे कर्मचारी जारका हेस्सा के आश्रित परिवार को 84 लाख 33 हजार 831 रुपया का चेक प्रदान किया गया। वहीं दूसरी ओर एक कमर्शियल वाद में भी कोर्ट द्वारा नेशनल लोक अदालत में समझौता के तहत उक्त वाद 8 करोड़ मे सेटल कर केस का निष्पादन किया गया जोकि इस नेशनल लोक अदालत का एक खास उपलब्धि साबित हुई है।