आज में स्वाहा हुए 50 से ज्यादा गरीबों के सपने ,झोपड़िया के साथ कई गोदाम भी जले
चुनाव में वोटो के लालच में नेता भी पहुंच रहे सांत्वना देने
सुनील बाजपेई
कानपुर । यहां के जूही राखी मंडी बस्ती में भीषण आग गरीबों को खून के आंसू रुलाने में सफल रहा। कई उन गरीबों की गृहस्ती भी रख का ढेर बन गई, जिन्हें अपनी लड़कियों की शादी करनी थी। समाचार लिखे जाने तक कई लोग अपने जेवर ढूंढने की भी कोशिश कर रहे हैं ।वहीं वोटो के लालच में कई नेता इन गरीबों को सांत्वना देने के लिए भी पहुंच रहे हैं।
इस बस्ती में रहने वाले लगभग 50 अधिक गरीबों का सारा सामान जलकर राख हो चुका है।फायर ब्रिगेड की लगभग एक दर्जन गाड़ियों को जब कई घंटे की मेहनत के बाद आग पर काबू पाने में सफलता मिली तो घटना स्थल पर सबकुछ बर्बाद देख कर उनकी आंखों से मजबूरी के आंसू बह निकले।आग में किसी परिवार की उम्मीदें जलीं तो किसी की आस जलकर राख हो गईं। आग के बाद राख ठंडी पड़ने के बाद महिलाएं उसमें अपने गहने और अन्य सामान के अवशेष खोजती भी नजर आईं।
वहीं, सिर से छत छिन जाने के कारण अब उनके सामने रात गुजारने की भी समस्या आ खड़ी है।लोगों ने बताया कि दमकल को सूचना देने के करीब डेढ़ घंटा बाद अग्निशमन कर्मी गाड़ियां लेकर पहुंचे। इस बीच आग ने मंडी के बड़े हिस्से को चपेट में ले लिया। झोपड़ियां, गोदाम जलकर राख हो गए। कई दुकानों में रखी नकदी भी जल गई। लोगों ने पुलिस और फायरब्रिगेड के सामने रोष जताया।
इस भीषण अग्निकांड में बेटे की शादी के लिए जुटाए जेवर जल गए जेवर के अवशेष लिए महिला रानी ने बताया कि बेटे अरुण की शादी के लिए जेवर बनवाए थे। जून में शादी है। 15 हजार रुपये तो जले ही साथ ही जेवर भी खाक हो गया। कुल मिलाकर राखी मंडी में हुए भीषण अग्निकांड ने गरीबों के सारे सपने ही जला कर रख दिए हैं। वह बहुत दुखी हताश और निराश हैं।