रांची, 10.7.24
उपरोक्त बातें आज आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईमेल भेज कर उक्त बातें कहीं। इन्होंने आगे कहा की झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा गेतलसूद डैम में प्रस्तावित वर्ल्ड बैंक की मदद से 800 करोड़ के लागत से बनने वाला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट योजना के क्रियान्वयन होने से अनगड़ा, गेतलसूद और ओरमांझी के करीब 1500 से अधिक मछुआरों के परिवार एवं भारी संख्या में ग्रामीणों को इस पावर प्लांट लगाने से उनके परिवारों के समक्ष भूखों मरने की नौबत आ जाएगी जो गेतलसूद डैम में आश्रित है ।
विजय शंकर नायक ने आगे कहा कि इस योजना का ग्राम सभा और स्थानीय दलित आदिवासी मूलवासी समाज जबरदस्त तरीके से पुरजोर विरोध वर्ष 2020 से ही किया जा रहा है स्मरण हो कि इस योजना को अमली जामा पहनाने हेतु मंगलवार को गेतलसूत में ग्राम सभा का आयोजन किया गया था जिसमें स्थानीय ग्रामीण ,पुलिस प्रशासन ,जन प्रतिनिधि और पावर प्लांट निर्माण करने वाली कंपनी सेकी के प्रतिनिधि शामिल हुए थे जिसमें ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि जान देंगे मगर पावर प्लांट नहीं लगने देंगे ।
विजय शंकर नायक ने आगे कहा कि गेतलसूद डैम के निर्माण में वहां के स्थानीय लोग विस्थापन का दंस भी झेल चुके हैं और विस्थापन की मार से उबरे भी नहीं है कि उन विस्थापित परिवार के ऊपर अब रोजी रोजगार का संकट खड़ा हो रहा है
क्योंकि गेतलसूद डैम से उन लोगों का रोजी रोजगार बना हुआ है जो पावर प्लांट के लगने से छिन जाएगा इन्होंने यह भी कहा कि स्मरण हो की 2020 में इस योजना को लगाने के दिशा में प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया था ग्रामीणों एवं मछुआरों के जबरदस्त विरोध होने के कारण उक्त योजना ठंडे बस्ती में चला गया था।
पुनः इस योजना को चालू करने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है जिसके चलते ग्रामीण एवं मछुआरा समाज फिर से आंदोलन की ओर अग्रसर हो चुके हैं अगर समय रहते इस बिंदु पर सरकार कार्रवाई नहीं करती तो आने वाले दिनों में भीषण उग्र आंदोलन किया जाएगा ।