सहज योग द्वारा निकाली गई शोभा यात्रा

◆आगामी चार दिनों तक संचालित होगा सहज योग का कार्यक्रम

◆साधको द्वारा शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों एवं आम जनमानस को सिखाया जाएगा सहज योग के गुण

संतकबीरनगर । वृहस्पतिवार को सहज योग संस्था सन्त कबीर नगर द्वारा आयोजित होने वाले 8 अगस्त से 11 अगस्त तक आत्मबोध एवं आत्म साक्षात्कार कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रथम दिवस में सहज योग संस्थापिका परम् पूज्य श्री माता जी निर्मला देवी की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा खलीलाबाद स्थित जूनियर हाई स्कूल से प्रारम्भ होकर टीवीएस एजेंसी बाईपास रोड के पास सम्पन्न हुई। शोभा यात्रा में देश प्रदेश से आने वाले सैकड़ो साधको ने भाग लिया। ध्यातव्य है कि सहजयोग संस्था द्वारा 8 अगस्त से 11 अगस्त तक सन्त कबीर नगर स्थित मगहर से आत्मबोध एवं आत्मसाक्षात्कार का कार्यक्रम संचालित कर रहा है। यह कार्यक्रम प्रातः ध्यान से प्रारम्भ होगा तत्पश्चात 8 बजे 2 बजे तक साधको द्वारा जिले के शिक्षण संस्थानों में सहज योग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही सायंकाल मे भजन संध्या एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस अवसर पर उपस्थित सहजयोगी राहुल चतुर्वेदी ने कहा कि सहज योग सम्पूर्ण विश्व मे पूर्णतः निशुल्क संचालित होता है। इसमे दक्षता पाने के लिए विश्व में कहीं भी कोई शुल्क नहीं लिया जाता। सहज योग सूक्ष्म शरीर तंत्र के चेतनामय हो जाने की घटना है, जो आत्मा से परमात्मा का मेल कही जाती है, ईश्वर से एकाकार होना ही योग है। सहजयोग सामूहिकता पर कार्य करता है यह समाज को सामूहिक आनंद देता है। एक साधारण मनुष्य त्रिआयामी होता है क्योकि वह स्वयं को तीन स्तरों पर जान पाता है-(१)शरीर के स्तर पर (२)बुद्धि के स्तर पर और (३) मन के स्तर पर,परंतु जब योग की घटना घटित होती है तो वह चौथे आयाम मे प्रवेश करता है और आत्मा के स्तर पर भी अपने को पहचानने लगता है इसी को स्वतंत्र हो जाना कहते हैं, अर्थात स्व के तन्त्र को जानना। साथ ही लगातार साधना करते हुए जब उसका सहस्रार खुलता है तब वह प्रकाशित आत्मा,चित्त और प्रकाशित मस्तिष्क वाला होकर पंच आयामी हो जाता है। अतः मनुष्य को चाहिए कि वह अपने व समाज के उत्थान के लिए सहज योग को जीवन में आत्मसात करे। यहीं मानवता को उन्नत करने का एक मात्र तरीका है। सहजयोग लोगो के तनाव से मुक्ति पाने में सहायक सिद्ध होगा। माधवेन्द्र तिवारी ने कहा कि जिला समन्वयक चन्द्र भूषण सोनी ने कहा कि सहज योग के माध्यम से आगामी चार दिनों में सहजयोग का गुण सिखाएगा जाएगा। जिसके द्वारा जन मानस में आनंदमय, निरोगी, चिंतामुक्त जीवन के गुण विकसित होगा। आनंदमय, निरोगी, चिंतामुक्त जीवन ही सहज योग का उद्देश्य है। इस अवसर पर डॉ चंद्र देव, सावित्री, गिरिजेश, माधवेन्द्र तिवारी, श्रवण मोदनवाल, उमकेश बहादुर सिंह, सोनू, ईश्वर, आशुतोष, उमेश्वर त्रिपाठी, रीता त्रिपाठी सहित सैकड़ों साधक उपस्थित रहे।

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