मौसम में उतार-चढ़ाव से बढ़ रहे वायरल बुखार व चर्म रोग के मामले

200 से 350 मरीज सीएचसी अलीगंज पहुंच रहे प्रतिदिन

अलीगंज। मौसम में उतार-चढ़ाव से अलीगंज कस्बे में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अधिकांश बच्चे एवं बुजुर्ग इसके शिकार हो रहे हैं। यूं कह लीजिए अधिकांश घरों में वायरल बुखार दस्तक दे चुका है। सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलीगंज की ओपीडी में मरीजों की भीड़ देखने के लिए मिली। जहां बदलते मौसम से बीमारों की संख्या मे इजाफा हुआ है। अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को चिकित्सक एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं। दिन में धूप निकलने के दौरान उमस भरी गर्मी और रात में तापमान गिरने से मौसम में बदलाव सेहत के लिहाज से नुकसानदायक साबित हो रहा है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलीगंज के अधीक्षक डॉक्टर सर्वेश ने बताया कि ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में वायरल फीवर के मरीज आ रहे हैं। सोमवार को अस्पताल में करीब 350 मरीज आये जिनमे से तक़रीवान 150 मरीज वायरल फीवर व 100 मरीज चर्म रोग दाद खुजली से परेशान पाए गये। मरीजों की क्रिटिकल स्थिति होने पर जांच कराई जा रही है। 21 जुलाई से लेकर 20 अगस्त तक मलेरिया के 475 मरीजों की जांच कराई गई साथ ही 175 डेंगू की जांच, 875 शुगर पेशेंट की जांच की गई और 610 मरीजों की एचआईवी जांच व एएनसी 477 जांचे की गई। मौसम में हो रहे बदलाव के प्रति खास एहतियात बरतने की हिदायत दे रहे हैं।

जरा सी लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती है। बरसात के मौसम में बैक्टीरिया का ग्रोथ कई गुना अधिक बढ़ने के कारण वायरल बुखार मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कमजोर इम्युनिटी के कारण छोटे बच्चे और बुजुर्ग इसकी जद में आ रहे हैं। थकान एवं तेज बुखार के साथ गले, सीने, शरीर में दर्द वायरल बुखार के सामान्य लक्षण हैं। इसके अलावा आंखों का लाल होना, खांसी, उल्टी की समस्या आ रही है।

बचाव हेतु क्या किया जाए उपाय

सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर सर्वेश ने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल फीवर से बचाव के लिए घर व आसपास सफाई पर विशेष ध्यान रखें। मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। नियमों को स्वयं अपनाते हुए दूसरे लोगों को भी प्रेरित करें। घर में कहीं भी पानी जमा न होने दे। वायरल बुखार के लक्षण दिखाई देने पर सबसे पहले मरीज को परिवार के सदस्यों से अलग एक कमरे में रखें।

बुखार ज्यादा होने पर डिहाइड्रेशन हो सकता है। ऐसे में मरीज को मौसमी फलों के जूस जैसे तरल पदार्थों का सेवन कराना चाहिए। तले-भूने एवं देर से हजम होने वाले भोजन से परहेज करें, हल्का व सुपाच्य भोजन करें। पानी को उबालकर व छानकर पिएं। चिकित्सक की सलाह के बिना मरीज को कोई दवा न दें। बुखार के दौरान पूरी नींद लेना जरूरी है, हल्का व्यायाम व योग करना चाहिए।

दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *