राहरगोड़ा शिव मंदिर प्रांगण में दुर्गोत्सव पर पहुंचे पूर्व मंत्री सहिस

जमशेदपुर : इतिहास गवाह है परंपरा एवं पौराणिक मान्यता के तहत सनातन धर्मावलंबी शक्ति की पूजा करते हैं जो आज भी निरंतर जारी है। समाज में व्यवस्था को चलाने के लिए भी शक्ति की जरूरत है। शक्ति कायम रहे ऐसे विचारों के साथ लोग शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं। यह बात झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस ने कहा।

श्री सहिस राहरगोड़ा स्थिति शिव मंदिर प्रांगण में स्थापित दुर्गा पूजा पंडाल के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं उम्र में बहुत छोटा हूं परंतु समाज ने मुझे बहुत बड़े – बड़े दायित्व दिये हैं। मैं समाज के वरिष्ठजनों , प्रबुद्ध लोगों, माताओं , बहनों के साथ युवा शक्ति के प्रति आभार व्यक्त करता हूं इस बात के लिए कि आप हर समय अपना आशीर्वाद , सुझाव एवं मार्गदर्शन दिये हैं ।

मेरा अनुरोध है आप इसी प्रकार अपना आशीर्वाद बनाए रखें। मैं वादा करता हूं हर समय सहज , सरल एवं सुलभ तरीके से आप सबों के सुख दुख में शामिल रहूंगा। उन्होंने कहा कि आजादी के 76 सालों बाद भी लोगों को राशन कार्ड, वृद्धा पेंशन समेत सरकार की योजनाओं का लाभ कैसे प्राप्त करना है ? यह जानकारी नहीं है। यह राज्य का विडंबना नहीं तो क्या है ?

इस दोषपूर्ण व्यवस्था में बदलाव आना चाहिए। उन्होंने लोगों से कहा कि एक डॉक्टर गलत इलाज करता है तो एक व्यक्ति मरता है। परंतु एक ग़लत जनप्रतिनिधि चुनाव जीत जाता है तो समाज मरता है। उसे आगामी पांच सालों तक पछतावा होता है। इस लिए जनप्रतिनिधि के चयन में आप सब सावधानी बरतें। यह मेरी आप सबों से विनती है। उन्होंने कहा कि पूजा त्यौहार समाज को एक सूत्र में बांधने का काम करती है। उन्होंने सबों से एक जुटता बनाए रखने की अपील की।

कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ नागरिक संघ के रमण श्रीवास्तव को रामचंद्र सहिस ने स्मृति चिन्ह भेंटकर सेवा के कार्यों को सराहा। इससे पूर्व श्री सहिस मां दुर्गा की पूजा – अर्चना किये , नारियल फोड़े तथा लोगों के सुख शांति और समृद्धि के लिए माता से कामना किये।

कार्यक्रम में आरपी महतो , अध्यक्ष घनश्याम पांडेय , अविनाश सिंह , आजसू के जिला कार्यकारी अध्यक्ष संजय मालाकार , राहुल राज समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अध्यक्ष घनश्याम पांडेय ने किया। यहां आगंतुक अतिथियों को अंग वस्त्र सौंपकर सम्मानित किया गया।

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