सिनेमा जगत : भारतीय सिनेमा के चार दिग्गजों की जन्म-शताब्दी मनाएगा आईएफएफआई।

सिनेमा की चार महान शख्सियतों को 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में सम्मानित करने की तैयारी है, जिन्होंने भारतीय सिनेमा के कई महत्वपूर्ण पक्षों का निर्माण किया है। इस वर्ष भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में कृतित्व के उत्सव, फिल्मों के प्रदर्शन और इंटरैक्टिव कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के माध्यम से राज कपूर, तपन सिन्हा,अक्किनेनी नागेश्वर राव (एएनआर) और मोहम्मद रफी की असाधारण विरासत को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इससे समारोह में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों को सिनेमा की दुनिया में इन दिग्गज फिल्मी हस्तियों के योगदान को करीब से जानने, देखने व समझने का अवसर मिलेगा। इन महान हस्तियों को विशेष श्रद्धांजलि के रूप में, आईएफएफआई की ओर से उनकी कालजयी क्लासिक फिल्मों के वे संस्करण प्रस्तुत किए जाएंगे जिन्हें एनएफडीसी -एनएफएआई ने सहेजा है।

इससे दर्शकों को भारतीय सिनेमा की कुछ सबसे प्रसिद्ध फिल्मों को देखने का अनुभव मिलेगा। सहेजे गए प्रिंट से दर्शकों को इन फिल्मों की उस भव्यता और कलात्मकता का अनुभव करने का अवसर मिलेगा, जिस तरह उन्हें बनाया गया था।

इसमें उनसे जुड़े एक-एक विवरण पर सूक्ष्म तरीके से ध्यान दिया गया है। राज कपूर की फिल्म आवारा इनमें शामिल है जिसको डिजिटल रूप से सहेजे गए स्वरूप में प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें एक बार फिर से आम आदमी के जीवन की उस जिंदादिली, हास्य और संवेदनशीलता की झलक मिलेगी जो राज कपूर ने प्रस्तुत की थी।

इस तरीके से फिल्म को सहेजे जाने से भारतीय सिनेमा में राज कपूर के अद्वितीय योगदान और सामाजिक मुद्दों को गहराई और करुणा के साथ चित्रित करने की उनकी कलात्मक प्रतिबद्धता को भव्यता से प्रस्तुत किया गया है। वहीं तपन सिन्हा निर्देशित क्लासिक फिल्म हारमोनियम का भी प्रदर्शन किया जाएगा, जो दर्शकों को उनकी कहानी कहने की कला की अनूठी शैली को पुनः समझने का अवसर देगा। दमदार विषय और कथात्मक गहराई के लिए जानी जाने वाली फिल्म हारमोनियम तपन सिन्हा की कलात्मक विरासत और सिनेमाई दृष्टि का विशिष्ट उदाहरण है।

ऐतिहासिक फिल्म देवदासु का पुनः निर्माण सिनेमा के इतिहास में अक्किनेनी नागेश्वर राव (एएनआर) की जगह को नए सिरे से मजबूत करने के साथ आईएफएफआई के अनुभव को और समृद्ध करने वाला है। पुनः निर्मित संस्करण अक्किनेनी नागेश्वर राव की ओर से देवदास के गहन चित्रण को और अधिक उभारता है। इससे समकालीन दर्शकों को भारतीय सांस्कृतिक पहचान के साथ गहराई से जुड़ी भूमिका में उनके भावनात्मक प्रदर्शन से जुड़ने का मौका मिलेगा। अंत में, क्लासिक फिल्म हम दोनो को इसके परिष्कृत दृश्य-श्रव्य पुनर्निर्मित संस्करण में दिखाया जाएगा।

महान गायक मोहम्मद रफ़ी के अमर गीतों के साथ, यह संस्करण भारतीय संगीत और सिनेमा में रफ़ी के अनूठे योगदान की सराहना करता है और सभी पीढ़ियों के लिए उनकी आवाज़ के जादू को पुनर्जीवित करता है। पूरे फिल्म महोत्सव के दौरान सहेजी गई क्लासिक फिल्मों के प्रदर्शन के अलावा, इन चार दिग्गजों की विरासत का उत्सव मनाया जाएगा। उद्घाटन समारोह में इन दिग्गजों को इनके जीवन और उपलब्धियों के बारे में भव्य प्रदर्शन के माध्यम से श्रद्धांजलि दी जाएगी। साथ ही एक श्रव्य-दृश्य प्रस्तुति भी होगी जिसमें उनकी सिनेमाई यात्रा को जीवंत किया जाएगा।

सम्मानित अतिथियों और दिग्गज फिल्मी हस्तियों के परिवार के सदस्यों के साथ गहन चर्चाएं और बातचीत सत्र में उनके जीवन के बारे में अनूठी जानकारी मिलेगी। ये बातचीत फ़िल्म उद्योग पर उनके कामकाज के व्यक्तिगत और पेशेवर प्रभावों को उजागर करेगी। सम्मान के एक विशेष रूप में, आईएफएफआई की ओर से इन चार दिग्गजों को समर्पित एक अद्वितीय माई स्टैम्प का अनावरण किया जाएगा, जो भारतीय संस्कृति और सिनेमा पर उनके द्वारा छोड़ी गई छाप का प्रतीक होगा।

प्रत्येक महान हस्ती की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने वाले विशेष द्विभाषी ब्रोशर बनाए जाएंगे, जो समारोह में भाग लेनेवालों के लिए स्मृति चिन्ह होंगे। इससे उपस्थित लोगों को फिल्म जगत की इन महान स्तियों की विरासत के बारे में जानने और उसकी सराहना करने का अवसर मिलेगा।

इस दौरान, राज कपूर और मोहम्मद रफी से जुड़े 150 गीतों और तपन सिन्हा और एएनआर से जुड़े 75 गीतों की एक संगीत यात्रा, दर्शकों को इन दिग्गजों के संगीतमय योगदान में मंत्रमुग्ध कर देगी, और भारतीय सिनेमा के साउंडट्रैक पर उनके प्रभाव को उजागर करेगी। राज कपूर, तपन सिन्हा, एएनआर और मोहम्मद रफी के जीवन से जुड़ी दुर्लभ यादगार वस्तुओं, तस्वीरों और कलाकृतियों की एक विशेष प्रदर्शनी दर्शकों को उनके उल्लेखनीय योगदान से यथार्थ में जुड़ने का अवसर प्रदान करेगी।

प्रत्येक व्यक्तित्व को समर्पित दिवसों पर, वहां एंटरटेनमेंट एरिना में अलग-अलग विषयों पर विभिन्न गतिविधियों के आयोजन की योजना बनाई गई है। इसमें गहन रूप से तल्लीन करने वाली गतिविधियां, डिजिटल डिस्प्ले, आकर्षक प्रश्नोत्तरी आदि शामिल होंगे, ताकि दर्शकों को इन दिग्गजों से जोड़े रखा जा सके और उन्हें उनकी चिरस्थायी विरासत के बारे में जागरूक किया जा सके।

शताब्दी समारोह के एक भाग के रूप में, पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक महान कलाकारों को श्रद्धांजलि के रूप में कला अकादमी में रेत कला चित्रण करेंगे। भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह (आईएफएफआई) के आयोजन का अर्थ केवल फ़िल्मों का प्रदर्शन और फ़िल्म प्रेमियों को एक साथ लाना भर नहीं है!

असल में, इस महोत्सव का उद्देश्य सिनेमा के उन कई महान कलाकारों का सम्मान और उनके कृतित्व का उत्सव मनाकर सिनेमा के आनंद को साझा करना है, जो अपनी सदाबहार विरासत से संपूर्ण विश्व के दर्शकों और कलाकारों को प्रेरित करते रहते हैं।कला, इतिहास और इंटरैक्टिव अनुभवों को एक साथ लाकर, भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह (आईएफएफआई) सिनेमा की दुनिया में राज कपूर, तपन सिन्हा, अक्किनेनी नागेश्वर राव और मोहम्मद रफी की विरासत और उनके स्थायी प्रभाव के माध्यम से भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने का प्रयास करेगा।

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