East Singhbhum: समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में आहूत बैठक में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल द्वारा श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के विभागीय योजनाओं में प्रगति की समीक्षा की गई। परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपाकंर चौधरी समेत सभी विभागीय पदाधिकारी एवं ट्रेनिंग पार्टनर बैठक में उपस्थित रहे। बैठक में जिले में संचालित स्कील सेंटर एवं संबंधित ट्रेनिंग सेंटर में उपलब्ध ट्रेड, नामांकित प्रक्षिणार्थियों की संख्या एवं उनका प्लेसमेंट प्रतिशत आदि की गहनता से समीक्षा की गई।
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि जिला के कौशल प्रशिक्षित युवाओं को जिला में ही रोजगार मिले, अधिकारी इस दिशा में विशेष प्रयास करें। पूर्वी सिंहभूम व आसपास के जिलों में अवस्थित निजी कंपनियों के डिमांड को समझें, युवाओं को उसी अनुरूप प्रशिक्षित करें ताकि उनके सामने रोजगार के ज्यादा विकल्प हों। वहीं अन्य राज्यों में संचालित उद्योगों से भी निरंतर संपर्क में रहकर प्रशिक्षित बच्चों के समायोजन की दिशा में कार्य करें। जिला अंतर्गत वर्तमान में 17 स्कील डेवलपमेंट सेंटर संचालित हैं।
वर्ष 2023-24 में संचालित 10 स्कील सेंटर में कुल नामांकित 9270 बच्चों में 5937 का प्लेसमेंट हुआ है। बिरसा योजना अंतर्गत सेल्फ इंपलॉयड टेलर, डॉमेस्टिक डाटा इंट्री ऑपरेटर, सक्षम झारखंड कौशल विकास योजना में मल्टी स्कील टेक्निशियन, ब्यूटी थेरेपिस्ट और दीनदयाल उपाध्याय कौशल केन्द्र के माध्यम से सैंपलिंग टेलर, इलेक्ट्रिशियन, सीएनसी ऑपरेटर, जी.डी.ए आदि का प्रशिक्षण कुल 17 केन्द्रों में दिया जा रहा है।
जिसमें बिरसा योजना के 5 ट्रेनिंग पार्टनर, दीनदयाल उपाध्याय कौशल केन्द्र के 9 ट्रेनिंग पार्टनर व सक्षम झारखंड कौशल विकास योजना के लिए 3 ट्रेनिंग पार्टनर संबद्ध हैं जो जिले के अलग-अलग प्रखंडों में युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं। उपायुक्त ने श्रम विभाग की समीक्षा में मजदूरों के निबंधन की जानकारी ली। उन्होने कहा कि जिला पंचायत राज पदाधिकारी एवं बीडीओ से समन्वय बनाते हुए पंचायत जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जिले के अप्रवासी मजदूरों की जानकारी जुटाएं एवं उनका निबंधन करायें। राज्य सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाएं मजदूर वर्ग के लिए संचालित की जा रही जिसमें उन्हें पेंशन के अलावा चिकित्सा प्रतिपूर्ति की योजना,
अंत्येष्टि सहायता, अनाथ पेंशन, छात्रवृत्ति योजना, औजार सहायता योजना, साइकिल सहायता योजना जैसी कई योजनाएं हैं जिनका मजदूर वर्ग लाभ उठा सकते हैं। उन्होने रोजगार मेला का आयोजन करने तथा विभागीय योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार का निदेश दिया ताकि ज्यादा से ज्याद योग्य लाभुक सरकार की योजनाओं का लाभ ले सकें।