दुबई में 500 दिरहम –
आपको पता होना चाहिए कि दुबई का माल दुनिया का सबसे बड़ा माल कहा जाता है l य़ह कई हजार वर्ग फिट में फैला हुआ है l तीन मंजिल का दुबई माल हजारों दुकानों से सुशोभित और लाखों पर्यटकों से गुलजार देखने योग्य है l मैं अपने होटल से निकलकर मंजू सैनी और तीन मित्रों के साथ अल जद्दाफ मेट्रो स्टेशन से दुबई की बिना ड्राइवर वाली मेट्रो पर बैठ कर के बुर्जुमन स्टेशन तक गया और वहां से रेड लाइन वाली मेट्रो पकड़ कर के बुर्ज खलीफा यानी दुबई माल जो एक ही जगह पर हैं, तक मेट्रो ट्रेन से पहुंचा l वहां का सिस्टम ऐसा है कि आप मेट्रो से उतरने के बाद सीधे दुबई माल ही पहुंच जाएंगे l दूसरी मंजिल पर हम अपने मित्र लक्ष्य, मानस और सोनू भाई के साथ मंजू सैनी समेत पांचो लोग बड़ी देर तक घूमते रहे l कई एक दुकानों को बाहर से देखने के बाद मेरे मित्र सोनू ने कहा कि मुझे भूख लगी है, चलो कहीं फूड कोर्ट में बैठते हैं l फूड कोर्ट को ढूंढने के लिए वहां पर लगी हुई कई ऑटोमेटिक उन मशीनों का उपयोग किया जो मानचित्र के साथ साथ दिशा भी बताती थी, कौन सी दुकान कहां पर है l वहां पर किसी को ढूंढने के लिए या किसी भी दुकान पर जाने के लिए आपको किसी से पूछने की जरूरत नहीं है l हर जगह कंप्युटराइज मशीनें लगी हैं जिनसे आप जानकारी प्राप्त कर सकते हैं l फूड कोर्ट को ढूंढते हुए हम लोग इधर उधर हो गए l अभी हम मंजू के साथ फूड कोर्ट की ओर जा ही रहे थे कि रास्ते में हमें एक 500 दिरहम (वहां की मुद्रा) की नोट पड़ी हुई दिखाई दी l मंजू ने हमें बताया देखिए किसी के यह ₹500 गिर गए हैं l मैंने उसे देखा तो 2 मिनट तक मैं उसके बारे में सोचता रहा, दुबई के नियम बहुत सख्त है, हो सकता है किसी ने यह नोट फेंक दी हो और हम पर्यटकों की परीक्षा ले रहा हो l वहां पर कोई भी धीरे धीरे नहीं चलता है l मात्र 2 मिनट के अंदर ही सैकड़ों पर्यटक उस नोट के बगल से निकल गए लेकिन किसी ने उसको देखा नहीं और अगर देखा होगा तो उठाया नहीं l मैंने पढ़ा था कि अगर वहां पर चोरी करते हुए पकड़े गए तो बहुत अधिक जुर्माना लगेगा या फिर सीधे जेल की सजा होगी l चूंकि नेट पर बहुत अधिक अध्ययन किया था इसलिए डर रहा था l लेकिन एक आम आदमी होने के नाते मेरे मन में उस नोट के प्रति लालच भी आ गया कि इसे उठा लेना चाहिए l यहां पर किसी दुकानदार से पूछ कर के उसे उस जगह पर जमा कर देनी चाहिए जहां इसकी व्यवस्था हो l बस यही सोच कर के मैंने उस नोट को उठा लिया, हाथ में पकड़े पकड़े करीब 5 मिनट तक वहां पर खड़ा रहा l यह देखने के लिए कि कोई मुझे टोकने आता है कि नहीं, कोई मुझे देख रहा है कि नहीं l मैंने मंजू को वह नोट दिखाते हुए जान बूझ कर जोर-जोर से कहा l देखिए, यह नोट किसी की गिर गई है जिसकी भी हो वह मुझ से प्राप्त कर सकता है l यह कह कर के मैं सामने वाली कपड़े की दुकान पर दुकान मालिक के पास गया जो कि एक पाकिस्तानी था l उससे मैंने पूछा कि अगर यहां पर कोई गिरी हुई नोट किसी को मिल जाए तो उसे उठा लेना चाहिए या नहीं और उठा लेना चाहिए तो उसे कहां पर जमा करना चाहिए l उसने कहा यहां पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है l आप मार्ग में पड़ी हुई नोट को उठा सकते हैं l अगर आप नहीं उठाएंगे तो कोई दूसरा उठा लेगा l हां, अगर किसी दुकान से आप चोरी करते हुए पकड़े गए या किसी की जेब काटते हुए पकड़े गए तो फिर आपको बहुत सख्त सजा मिलेगी l क्योंकि किसी के द्वारा शिकायत करने पर, कैमरे के सामने चोरी करते हुए या पुलिस के सामने पकड़े जाने पर आपको कोई रियायत नहीं मिलेगी l इसके अलावा अगर मार्ग में या सुनसान जगह पर आपको गिरी हुई नोट मिलती है तो आप उसे ले सकते हैं l हां, अगर कोई दावा करता है कि यह नोट मेरी है तो उसे आपको वापस करना पड़ेगा l मैंने उसे यह नहीं बताया था कि मैंने ही अभी यहीं पर 500 की नोट पाई है l उसकी बातों से मुझे हिम्मत बंधी और अपनी मुट्ठी में दबा नोट लेकर के में फ़ूड कोर्ट की ओर बढ़ गया l करीब 20 मिनट बाद मैं बीकानेरी होटल पर जो की तीसरी मंजिल पर था वहां पर गया l जहां पर मैंने 28 दिरहम की एक शाकाहारी थाली लेकर के हम दोनों ने भोजन किया l तब तक उस नोट को मैं अपने हाथ में ही पकड़े रहा कि अगर कोई दावा करेगा तो हम उसको दे देंगे l लेकिन जब किसी ने मुझसे उस नोट के बारे में नहीं पूछा तो मैंने उसे अपनी जेब में रख लिया l उस ₹500 की नोट का मतलब था इंडिया के ₹11500, उन पैसों को मैंने दुबई में ही खर्च कर दिया l लेकिन यह काम मुझे करना चाहिए था या नहीं, यह तो आप ही बता सकते हैं l आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में, लेखक –
रामानंद सैनी 9336472080 लखनऊ