कानपुर में करोड़ों की जमीन कब्जा मामले पूर्व मंत्री ने किया एफ आई आर से इंकार, जाएंगे कोर्ट

नजूल की करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जा मामले में अब तक तीन को भेजा गया जेल, आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं कराने पर पूर्व मंत्री को भी बनाया जा सकता आरोपी

सुनील बाजपेई
कानपुर। यहां के बहुचर्चित एपी फेनी जमीन कब्जाकांड में समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री शिवकुमार बेरिया ने जमीन खरीद-फारोख्त के आरोपियों के खिलाफ एफ आर आर दर्ज नहीं करायेंगे। इसके खिलाफ उन्होंने कोर्ट जाने की तैयारी की है। वह इस बारे में गत दिवस यहां के पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से भी मिले थे ,जिस पर उनसे जमीन की खरीद फरोख्त करने वालों के खिलाफ मुकदमे के लिए प्रार्थना पत्र देने के लिए कहा गया था लेकिन आज गुरुवार को उन्होंने ऐसा कोई भी प्रार्थना पत्र नहीं दिया जिसके बाद इस मामले की जांच को आगे बढ़ाएगी।

दरअसल नजूल की इसी जमीन में 100-100 वर्ग गज के दो प्लांट पूर्व मंत्री शिवकुमार बेरिया ने भी खरीदे हैं । वहीं जांच कर रही एस आई टी इस मामले में अब तक सलीम बिरयानी समेत तीन आरोपियों को अरेस्ट करके जेल भेज चुकी है।
नजूल की इसी करोड़ों की जमीन के दो भूखंड खरीदने वाले समाजवादी पार्टी की सरकार में पूर्व मंत्री रहे शिवकुमार बेरिया का कहना है कि उन्होंने तो सर्किल रेट के आधार पर पूरी रकम देकर 80 लाख में जमीन खरीदी थी। और अब अगर इसी मामले में एफआईआर दर्ज करते हैं तो उनकी 80 लख रुपए डूब जाएंगे।

पूर्व मंत्री बेरिया ने बताया कि पूरे मामले को लेकर कोर्ट जाएंगे। इसके विपरीत पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अगर पूर्व मंत्री शिवकुमार जमीन खरीद फरोख्त करने वाले के खिलाफ प्रार्थना पत्र नहीं देंगे तो इसी मामले में पहले से दर्ज रिपोर्ट के आधार पर उन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा। जिसकी वजह नजूल की जमीन को अवैध रूप से खरीद-फरोख्त करना है।
अवगत कराते चलें कि कर्नलगंज थाना क्षेत्र के सिविल लाइंस स्थित 500 करोड़ की एपी फेनी जमीन कब्जाकांड में पुलिस अब तक दो एफआईआर दर्ज कर चुकी है। दोनों एफआईआर की जांच गठित की गई एस आई टी द्वारा किया जा रही है। वह इस मामले में अब तक सलीम बिरयानी समेत तीन आरोपियों को जेल भेज चुकी है।

फिलहाल सूत्रों से अब तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक समाजवादी पार्टी सरकार में पूर्व मंत्री रहे शिवकुमार बेरिया जिन लोगों से100 वर्ग गज के दो भूखंड नजूल की जमीन पर खरीदे हैं। वह ऐसा करने वाले आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को तैयार नहीं है। अब इसी मामले में कोर्ट की शरण जाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पुलिस सूत्रों का दावा है कि अब इसी मामले में पूर्व मंत्री शिवकुमार को भी पहले से दर्ज मुकदमे के आधार पर आरोपी बनाया जा सकता है। जिससे उनकी मुसीबतें पहले से और बढ़ सकती हैं। कुल मिलाकर प्रकरण लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है।

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