9 आतंकवादी ठिकानों को किया नेस्तनाबूद, खुशी का किया इजहार
अलीगंज। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान की शह पर आतंकवादी हमले में 26 पर्यटक मारे गये थे. इसके जवाब में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के 9 आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। इस पर अलीगंज क्षेत्र ग्राम अमरोली रतनपुर निवासी भूतपूर्व सैनिकों ने भारतीय सेना के इस पराक्रम का स्वागत किया और कहा कि अगर हमारी जरूरत सीमा पर होगी तो हम वहां भी जाने को तैयार हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तो ये टेलर है, पूरा पिक्चर देखना बाकी है. इस दौरान भूतपूर्व सैनिकों ने भारत माता के जयकारे लगाये।आपरेशन सिंदूर पर भूतपूर्व सैनिकों की प्रतिक्रियाभूतपूर्व सैनिक ने कहा कि पहलगाम का बदला ऐसा होगा ये पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं ने सोचा भी नहीं होगा, भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी। भारतीय सेना ने एयर स्ट्राइक करके पाक और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया। अगर हमारी जरूरत पड़ती है तो हम जीजान से भारत माता की सेवा में समर्पित है। – रिटायर्ड अहिवरन सिंह एयर डिफेंसर
भूतपूर्व सैनिकों ने कहा कि पूरे भारत को सेना पर गर्व है। पाकिस्तान और पीओके में भारतीय सेना ने एयर स्ट्राइक करके नौ ठिकानों को मिट्टी में मिलाया है. हमें पहलगाम में कायराना हरकत के बाद भारतीय सेना से इसी जवाब की उम्मीद थी. सरकार से हमारी गुहार है कि अगर सीमा पर हमारी जरूरत हो तो हम सीमा पर जाने के लिए तैयार हैं। भारतीय सेना ने आतंक के नौ ठिकानों को मिट्टी में मिलाया है और पूरे भारत को सेना पर गर्व है। –मुन्नालाल इंजीनियर रेजीमेंट
रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों ने आतंकवाद के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई को सराहा। उनका कहना है कि इस तरह से ही आतंक, आतंकवादियों और उनको संरक्षण देने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे। आतंकवादियों को उनकी भाषा में जवाब देना ज़रूरी है। सरकार और सेना के साथ पूरा देश खड़ा है। –सत्यभान सिंह आर्मी मेडिकल कोट
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने जिस तरह से आतंकी ठिकानों पर हमला किया है, देश हित में यह जरूरी था। क्योंकि आतंकवादियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देना पड़ेगा। तभी यह जड़ से खत्म हो सकेगा। रिटायर्ड होने के बाद भी देश सेवा में हम समर्पित हैं –धनपाल सिंह बिहार रेजीमेंट
पहलगाम में जिस तरह से आतंकियों ने कायराना कृत्य किया था। उसका बहादुरी से जवाब देना बहुत आवश्यक था। सेना ने अब इसका आपरेशन सिंदूर से जवाब दिया है। इससे आतंकवादियों को संरक्षण देने वाले भी वर्षों तक याद रखेंगे। सेना को इस तरह की छूट मिलनी चाहिए। आतंक और आतंकवादियों से सेना 24 घंटे में निपटने में सक्षम है। –
रिटायर्ड हेमचंद सिंह आर्मी सप्लाई कोट
दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश