आज आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने कही । इन्होने यह भी कहा कि झारखंड की राजधानी रांची में पिछले 10 वर्षों में जलजमाव की समस्या को खत्म करने के लिए 887 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई, फिर भी शहरवासियों को इस समस्या से निजात नहीं मिली। यह गंभीर मुद्दा है और जांच का विषय भी है ।

विजय शंकर नायक ने आगे कहा कि भाजपा, झामुमो और कांग्रेस के नेताओं ने जलजमाव समाधान के नाम पर खुलेआम लूट को अंजाम दिया है । उन्होंने कहा कि इन सत्ता के मठाधीशो ने जनता को नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर कर दिया और जनता की सुविधाओं के नाम पर केवल भ्रष्टाचार किया है ।
विजय शंकर नायक ने रांची में जलजमाव की समस्या पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया में कहा कि शहरवासियों को हर बारिश में जलभराव, यातायात जाम और गंदगी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने विभिन्न योजनाओं का हवाला देते हुए बताया कि सरकारों ने बड़े-बड़े दावे किए, मगर धरातल पर कोई ठोस परिणाम नहीं दिखा।
इन्होने उदाहरण देते हुए कहा कि अमृत योजना
(2015-2019): रघुबर दास सरकार के कार्यकाल में शहरी जलापूर्ति और जल निकासी व्यवस्था को बेहतर करने के लिए शुरू की गई इस योजना के तहत रांची में 290 करोड़ रुपये की परियोजनाएं लागू की गईं। 22 फरवरी 2019 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुबर दास और शहरी विकास मंत्री सी.पी. सिंह ने इनका शिलान्यास किया। इसमें सीवरेज सिस्टम और ड्रेनेज नेटवर्क को मजबूत करने का दावा किया गया, लेकिन जलजमाव की समस्या जस की तस रही।
स्मार्ट सिटी मिशन (2016-2019): रांची को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 656 एकड़ भूमि पर 513 करोड़ रुपये की लागत से परियोजनाएं शुरू हुईं। इसमें ड्रेनेज सिस्टम, सड़क निर्माण और सौंदर्यीकरण शामिल था। फिर भी, एचईसी क्षेत्र सहित शहर के कई हिस्सों में जलजमाव की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
सौंदर्यीकरण और सुदृढ़ीकरण परियोजना (2021): हेमंत सोरेन सरकार में शहरी विकास मंत्री बन्ना गुप्ता के नेतृत्व में 84 करोड़ रुपये की लागत से नालों का निर्माण और साफ-सफाई पर जोर दिया गया। 23 जुलाई 2021 को इन परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ, लेकिन नतीजा वही रहा।
जल जीवन मिशन (2019-2025): इस योजना के तहत रांची के शहरी और उपनगरीय क्षेत्रों में जलापूर्ति और जल निकासी व्यवस्था को मजबूत करने का दावा किया गया। हालांकि, इसका प्रभाव भी नगण्य रहा।
“नेताओं ने जनता को ठगा”
विजय शंकर नायक ने तल्ख शब्दों में कहा, “भाजपा, झामुमो और कांग्रेस के नेताओं ने जनता के टैक्स के पैसों को लूटने का काम किया। जलजमाव जैसी मूलभूत समस्या का समाधान करने में सभी सरकारें नाकाम रहीं। इन नेताओं को जलजमाव के पानी में डूबकर जवाब देना चाहिए।” उन्होंने मांग की कि इन योजनाओं में हुए खर्च की उच्चस्तरीय मुख्य न्यायाधीश के माध्यम से जांच हो और दोषियों को सजा दी जाए।
विजय शंकर नायक ने यह भी कहा कि रांची के नागरिक सड़कों पर जलभराव, गंदगी और बीमारियों से जूझ रहे हैं, जबकि नेताओं ने केवल कागजी योजनाएं बनाकर जनता को गुमराह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि रांचीवासियों को स्वच्छ और जलजमाव मुक्त शहर का अधिकार है, और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को अब जवाबदेह बनाना होगा।