परम पवित्र स्थल श्री कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए टाटानगर से श्री शिव शक्ति के दो यात्री रवाना हुए।

कैलाश मानसरोवर यात्रा : सावन मास के पावन महीनें में भारत और चीन सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा श्री कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए चयनित हुए धार्मिक, अध्यात्मिक और समाजिक संस्था श्री शिव शक्ति परिवार के दो प्रमुख सेवादार टेल्को निवासी विश्वनाथ बोस और आनंद कुमार प्रातः7 बजे पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हुए। उन्हें टाटानगर स्टेशन पर संस्था के तरफ से महासचिव कैलाशी विजय शर्मा, कैलाशी बबलू शर्मा, कैलाशी जय चौबे, कैलाशी आलोक बिहारी, उत्तम कु नाथ, उदय, सुमित, कैलाशी छोटू मुनिराज आदि ने फूल माला, मोमेंटो, अंगवस्त्र, मिठाई, चन्दन तिलक व भस्म लगाकर हर हर महादेव और बम बम भोले के जयकारे के साथ विदाई दी और दोनों यात्री श्री कैलाश मानसरोवर के दर्शन पूजन कर 23 अगस्त कों टाटानगर वापसी करेंगे।

उल्लेखनीय है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा में इन दोनों महत्वपूर्ण स्थलों की यात्रा शामिल है। कैलाश पर्वत की ऊंचाई 21,778 फीट है और मानसरोवर झील की ऊंचाई 15,060 फीट पर है जो की बड़ा ही कठिन, दुर्गम और जोखिम यात्रा है। कैलाश मानसरोवर यात्रा हर साल आयोजित की जाती है, परंतु वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

उसके बाद भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुए तनाव और सीमा विवाद के चलते यात्रा दोबारा शुरू नहीं हो सकी, लेकिन अब भारत सरकार के प्रयासों से, इस वर्ष 2025 में यात्रा संभव हो पाई है। कैलाश पर्वतमाला कश्मीर से लेकर भूटान तक फैली हुई है और ल्हा चू और झोंग चू के बीच कैलाश पर्वत है जिसके उत्तरी शिखर का नाम कैलाश है। इस शिखर की आकृति विराट् शिवलिंग की तरह है। पर्वतों से बने षोडशदल कमल के मध्य यह स्थित है।

यह सदैव बर्फ से आच्छादित रहता है। इसकी परिक्रमा का बड़ा महत्व बताया गया है वहीं
मानसरोवर झील से सिंधु, सतलुज, ब्रह्मपुत्र और करनाली नदियाँ निकलती हैं। ये नदियाँ क्षेत्र की प्रमुख नदियाँ हैं और धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। बताते चले की इस यात्रा में लगभग 2.5 लाख रुपए लगते है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार ने कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को आर्थिक सहायता प्रदान की थी।

“मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना” के तहत, सरकार ने प्रत्येक यात्री को 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी थी। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को धार्मिक स्थलों की यात्रा करने में मदद करने के लिए शुरू की गई थी। वहीं वर्तमान में हेमंत सोरेन की सरकार ने पहले बजट में 8 लाख रुपए तक की सालाना आय वालों के लिए मुफ्त इलाज और कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 1 लाख रुपए की सब्सिडी दी देने की बात कही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *