पत्रकार का माइक, कैमरा व मोबाइल पर हाथ लगाना; धारा 332-307 तहत सजा मिलनी चाहिए : प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर

झारखंड, जमशेदपुर: पुलिस की गुंडागर्दी पर भड़के पत्रकार, थाने में साथी पत्रकारों की पिटाई से मचा बवाल। प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर के अध्यक्ष संजीव भारद्वाज व सचिव विकास श्रीवास्तव ने कहा सरकारी दफ्तर किसी अधिकारी की जागीर नहीं; पत्रकार किसी भी समय समाचार संकलन के लिए आ-जा सकते हैं। जमशेदपुर में पुलिस की मनमानी एक बार फिर सुर्खियों में है। उलीडीह थाना क्षेत्र से सामने आए ताज़ा मामले ने चौथे स्तंभ की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है।

जानकारी के अनुसार, पत्रकार आकाश कुमार और अभिषेक सिन्हा किसी खबर को कवर करने के सिलसिले में उलीडीह थाना पहुंचे थे। इसी दौरान थाने में मौजूद एएसआई मुकेश दुबे ने दोनों पत्रकारों के साथ गाली-गलौज करते हुए लाठी से पिटाई कर दी। इतना ही नहीं, दोनों को घायल अवस्था में थाना हाजत में बैठा दिया गया। घटना की जानकारी जैसे ही प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर के सचिव विकाश श्रीवास्तव मिली; शीघ्र ही उसके बाद प्रेस क्लब के सभी वरीय पत्रकार बड़ी संख्या में थाने में दिए दस्तक। थाना पहुंच कर वहां पत्रकारों ने एसआई मुकेश दुबे की गुंडागर्दी के खिलाफ जमकर विरोध किया और न्याय की मांग की।

मामले की सूचना मिलते ही जिला पुलिस कप्तान पियूष पांडे और नगर पुलिस अधीक्षक कुमार शिवाशीष तक खबर पहुंचाई गई। पत्रकारों के गुस्से को देखते हुए एसएसपी ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद पीड़ित पत्रकारों ने उलीडीह थाना के माध्यम से वरीय पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत सौंपी। इस घटना ने न सिर्फ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर भी बड़ा मुद्दा खड़ा कर दिया है। प्रेस क्लब ने स्पष्ट कहा है कि यदि दोषी पुलिसकर्मी पर शीघ्र कार्रवाई नहीं होती है तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य होंगे।

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