रांची। झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने झारखंड अलग राज्य के निर्माता
दिशोम गुरु शिबू सोरेन के त्याग, संघर्ष, आदर्श, दर्शन आदि को विषय बनाकर पाठक्रमों में शामिल किया जाना सरकार के सकारात्मक व आदर्शतम सोच का परिचायक बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के इस पहल कदमी की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।
साथ ही झारखंड आंदोलनकारी का गौरव पुत्र होने का बतौर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हक
अदा किया है। उन्होंने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के झारखंड आन्दोलनकारी के तौर पर कृतित्व और व्यक्तित्व को लेकर लिखी गई पुस्तकों को कक्षा दो से ग्यारह तक के पाठयक्रमों में शामिल करने को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उक्त बातें कही।
उन्होंने कहा कि ढिशुम गुरु शिबू सोरेन के जीवनी को पाठ्यक्रमों में शामिल किए जाने से झारखंड आंदोलनकारी का मनोबल बढ़ेगा एवं समाज में आंदोलनकारी के प्रति सकारात्मक सोच पैदा होंगे साथ ही साथ बच्चों में सकारात्मक एवं रचनात्मक संघर्ष करने तथा अपने समाजिक दायित्वों की रक्षा के प्रति नई चेतना जागृत होंगे।
उन्होंने सरकार से मांग की कि राज्य स्थापना दिवस 15 नवम्बर से पूर्व दिशोम गुरु शिबू सोरेन का नाम गजट नोटिफिकेशन कर झारखंड आंदोलनकारी के रूप में सच्ची श्रद्धा सुमन अर्पित करें। साथ ही गुरुजी की जंयती 11 जनवरी को महाजन प्रथा विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाए।