झारखंड, विशुनपुर। झारखंड आंदोलनकारियों के पुत्र-पुत्री के लिए माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार द्वारा झारखंड राज्य के गठन हेतु किए गए आंदोलनकारियों के आश्रितों; पुत्र – पुत्री, पोता- पोती के नियुक्ति कॉलम अलग से दर्शाएं जाने पर झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा ने आभार व्यक्त किया है।
यहां नियुक्ति कॉलम झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा मान्यता दे दी गई है। जब तक झारखंड के चिन्हित एक-एक आंदोलनकारी के पुत्र – पुत्री, पोता -पोती की नियुक्ति समाप्त नहीं हो जाते; तब तक राज्य सरकार के प्रत्येक नियुक्ति में कॉलम अलग से दर्शाया जाएगा। तृतीय वर्ग एवं चतुर्थ वर्ग की सभी नियुक्ति में यह कॉलम अंकित रहेगा।
वर्तमान में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा विज्ञापन संख्या 7/ 2025 झारखंड कक्षपाल प्रतियोगिता परीक्षा 2025 से ही यह लागू होगा। उक्त जानकारी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य प्रताप चंद्र किचिंगिया ने झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक प्रधान सचिव पुष्कर महतो एवं उपाध्यक्ष इजहार राही के साथ लगभग 4 घंटे बातचीत के दौरान पूर्ण जानकारियां दी गई।
श्री किचिंगिया ने बताया कि राज्य सरकार, गृह कारा आपदा प्रबंधन विभाग, 28 अप्रैल 2025 को गजट नोटिफिकेशन के द्वारा 5 प्रतिशत क्षौतिज के आधार पर तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की नियुक्तियों में लिया जाएगा। यह आंदोलनकारियों का अधिकार है। पूरे पारदर्शिता के साथ आंदोलनकारियों के आश्रित, पुत्र- पुत्रियों की नियुक्तियां लिए जाएंगे।
आयोग द्वारा उन्हें आवश्यकता अनुसार सहयोग भी किए जाएंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक प्रधान सचिव पुष्कर महतो, उपाध्यक्ष इजहार राही, जबीउल्लाह अंसारी, जिला अध्यक्ष सुबोध कुमार लकड़ा व पुष्पा बारदेवा ने आज अंजुमन इस्लामिया कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उक्त जानकारी दी।
प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि अबुआ हेमंत सरकार की उदारता व आंदोलनकारियों के संघर्ष से संभव हुआ है। लंबे समय से झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा इस मांग को लेकर आंदोलनरत रहा हैं। यह आंदोलनकारी परिवार का के लिए सम्मान की बात है कि अबुआ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सहानुभूति दिखाते हुए आश्रितों एवं पुत्र-पुत्री को तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग में नियुक्ति प्रक्रिया को हरी झंडी देकर एक बड़ा काम किया है।
अबुआ हेमंत सरकार से हमारी मांगे हैं कि क्षैतिज आरक्षण को बढ़ाकर 20% करें तथा सीधी नियुक्ति देकर आंदोलनकारियों को पूर्ण सम्मान दे। आंदोलनकारियों के सम्मान से ही अबुआ हेमंत सरकार का पूर्ण सम्मान हैं।