झारखंड आंदोलनकारियों के सम्मान से ही सरकार का स्वाभिमान है :पुष्कर महतो

जमशेदपुर, मुसाबनी : झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा पूर्वी सिंहभूम की बैठक मुसाबनी बलियागोड़ा स्थित हवा महल में संपन्न हुई। बैठक में पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, रांची पलामू गुमला जिला के आंदोलनकारियों को सरकार के आदेश के बावजूद राजकीय मान सम्मान व अलग पहचान नहीं मिलना दुर्भाग्य बताया गया। साथ ही 22 अप्रैल 2025 को आंदोलनकारियों के पुत्र-पुत्री एवं आश्रितों के नियुक्तियों में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का गजट नोटिफिकेशन जारी हो जाने के बाद भी अब तक एक भी लोगों को नियुक्ति का लाभ नहीं मिलने पर चिंता व्यक्त किए गए।

आंदोलनकारियों ने मांग की कि सरकार झारखंड आंदोलनकारी को न्याय के साथ सम्मान एवं समाज में स्वाभिमान से जीने के अधिकार के तहत सम्मान पेंशन राशि 50-50 हजार रु., मेडिकल व समूह बीमा का लाभ देने का काम शीघ्रताशीघ्र करें तथा उनके बाल बच्चों के अधिकारों की रक्षा करें। वहीं 3 जनवरी 2026 को रांची में विशाल सम्मेलन कर अपने बाल बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए उलगुलान करने का एलान किया गया। मौके पर उपस्थित मुख्य अतिथि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी के सम्मान से ही सरकार का स्वाभिमान है।

आज आंदोलनकारी के त्याग, बलिदान एवं संघर्ष के बल पर ही राज्य बना है और ऐसे में राज्य के निर्माताओं की उपेक्षा होना विडंबना की बात है। सरकार अलग राज्य के मूल्यों तथा आंदोलनकारियों के सपनों को धरातल पर उतारकर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के निरंकुश हुए प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।

झारखंड अलग राज्य के आंदोलन के दौरान हम लोगों ने यातनाएं सहे और मौत को करीब से देखा है, सबसे अधिक शहादत दिए हैं। इसके बावजूद आंदोलनकारी उपेक्षित हैं, पुलिस का दंश आज तक झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सच्चे और ईमानदार आंदोलनकारियों के भोलेपन का गलत फायदा उठा रहे हैं; प्रशासन के लोग। आंदोलनकारियों को टॉर्चर करने वाले पुलिस कर्मियों को बंगाल के खाड़ी में फेंक दिया जाएगा। सेवा भाव का परिचय दे पुलिस प्रशासन।

बैठक में केंद्रीय प्रवक्ता मो बारीक ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम के आंदोलनकारियों ने अलग राज्य के आंदोलन में अपनी सर्वत्र कुर्बान कर दिया है। राज्य सरकार आंदोलनकारी के कुर्बानियों के मूल्यों को समझे और उन्हें राजकीय मान – सम्मान से सम्मानित करें। आज दूसरे प्रदेशों के आंदोलनकारी को 10% क्षैतिज आरक्षण तथा तमाम तरह के सुविधाओं का लाभ गृह कारा आपदा विभाग के जांच अधिनियम 1952 के तहत दिया जा रहा है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला अध्यक्ष शिबू काली माईती ने कहा कि झारखंड में माय माटी एवं अबुआ सरकार है फिर भी झारखंड आंदोलनकारियों को नारकीय जीवन जीना सबसे बड़ा दु:ख का कारण है।

अबुआ सरकार है तो आंदोलनकारियों को अबुआ राइज का अधिकार दे। कोल्हान प्रमंडल के आनंद महतो ने कहा कि 25 वर्ष ऑन के कालखंड में हजारों आंदोलनकारी के निधन हो गए सरकार ने अब तक कोई शुद्ध नहीं ली अभी लगभग हजारों नियुक्तियां हुई लेकिन झारखंड आंदोलनकारियों के आश्रितों का एक भी नियुक्ति ना होना उनका अपमान है। बैठक का संचालन करते हुए संयोजक चमराय महली ने कहा कि मुसाबनी झारखंड आंदोलनकारियों के संघर्ष व बलिदान को भूमि है।

यहां के आंदोलनकारियों को राजकीय मान सम्मान व सम्मान पेंशन 50- 50 हजार रु. देकर सरकार अपने कर्तव्य का निर्वाह करें। उपरोक्त बैठक में दलगोविंद नमता, राखाल चंद्र घोष, सुरेश महतो, उदय मांझी, सलख बेसरा, माधव चंद्र बास्के, माधव चंद्र बास्के, रघुनाथ माझी, लालीन महली, रामनाथ महतो, सागर चंद्र महतो, हिमांशु महतो, मिहिर कुमार तिवारी, सुभाष महतो, संतोष महली समेत अन्य प्रमुख शामिल रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!