फादर जेरी के नेतृत्व में एवं मुख्य अतिथि डॉ. संजय कुमार के उपस्थिति मे लॉयला स्कूल का वार्षिकोत्सव सम्पन्न हुआ।

झारखंड, जमशेदपुर। लॉयला स्कूल, टेल्को ने अपनी स्थापना के 10 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में शुक्रवार को भव्य वार्षिकोत्सव का आयोजन किया, जिसमें कला, संस्कृति और विद्यालयीय मूल्यों का अद्भुत समन्वय देखने को मिला। समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. संजय लाल श्रीवास्तव (हेड, टाटा मोटर्स हॉस्पिटल) तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रिया अमिताभ (वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ) ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।

स्कूल के वार्षिकोत्सव में मुख्य अथिति डॉक्टर संजय लाल श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे अपने स्कूल के दिनों की याद दिलाने वाले इस अवसर पर विद्यालय को 10 गौरवशाली वर्षों की हार्दिक बधाई। यह संस्था सपनों को सशक्त बनाने और नेतृत्व को गढ़ने का उत्कृष्ट कार्य कर रही है। वें बोले बड़े सपने देखिए, कड़ी मेहनत कीजिए; सफलता निश्चित आपके कदम चूमेगी।

विद्यालय प्रशासन फादर माइकल धनाराज (रेक्टर), फादर विनोद फर्नांडीस (प्राचार्य, लोयोला स्कूल बिस्टुपुर), फादर जेरी (प्रशासक), चरणजीत ओसन (प्राचार्या, लोयोला स्कूल टेल्को), समन्वयक शिक्षिकाएँ रेशमा और ज़ीनत मारिया सुंडी, तथा कालीन जेवियर (मॉडरेटर) कार्यक्रम में उपस्थित रहे। वहीं अभिभावकों की उत्साही भागीदारी ने इस समारोह को और अधिक विशिष्ट बना दिया।

सभी की सामूहिक उपस्थिति ने पूरे आयोजन को एक उच्च स्तरीय गरिमा और उत्साह से भर दिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रसकिन बॉन्ड की चर्चित कहानी “द ब्लू अंब्रेला” पर आधारित नाटक ने न केवल सभागार को भावविभोर किया, बल्कि सच्चाई, सद्भाव, करुणा और त्याग जैसे मानवीय मूल्यों का गहरा संदेश भी दिया। इस नाटक का मुख्य उद्देश्य बच्चों के माध्यम से यह संदेश पहुँचाना था कि छोटी-छोटी चीज़ों में लालच नहीं, बल्कि दयालुता और उदारता ही जीवन को सुंदर बनाती है।

“रसकिन बॉन्ड” की प्रसिद्ध कहानी “द ब्लू अंब्रेला”पर आधारित नाटक ने पूरे सभागार को मंत्रमुग्ध कर दिया। नाटक में कृतिका ने बिन्या के रूप में अपनी सादगी और मासूमियत से सबका दिल जीत लिया जबकि मोहम्मद यूसुफ ने बिज्जू के किरदार को जीवंत बना दिया।

अभिजीत ने राम भरोसे की भूमिका में प्रभावशाली अभिनय किया और आदर्श ने राजाराम के रूप में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। अवनी ने मां के चरित्र में भावनाओं की गहराई को खूबसूरती से उकेरा, जबकि शौर्य हितेश और दीपशिखा ने क्रमशः पुजारी, स्कूल मास्टर और उनकी पत्नी की भूमिकाओं में नाटक को मजबूती दी। टी-शॉप हेल्पर के रूप में राघव का सहज और सरल अभिनय भी दर्शकों को खूब भाया।

इन सभी कलाकारों ने अपनी संयुक्त प्रस्तुति, अभिव्यक्ति, संवाद और मंच-संयोजन के माध्यम से यह सिद्ध किया कि विद्यालयी शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं, बल्कि मूल्यों को जीवन में उतारने का मार्ग भी है।

नृत्य और संगीत की अन्य प्रस्तुतियों ने भी पूरे कार्यक्रम में ऊर्जा और उल्लास का रंग भरा। दर्शकों ने हर दृश्य पर तालियों की गड़गड़ाहट से बच्चों का उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ाया। समारोह के समापन पर प्राचार्या चरणजीत ओसन ने सभी अतिथियों, अभिभावकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के प्रति आभार जताया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!