क्षय रोगियों के चिन्‍हीकरण के लिए 20 फरवरी से तीन मार्च तक चलेगा अभियान

20 से 23 फरवरी तक क्‍लोज कैम्‍पस में तो 24 फरवरी से 3 मार्च तक घर – घर खोजेंगे क्षय रोगी


लालचन्द्र मद्धेशिया

संतकबीरनगर,। देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए हर स्तर पर प्रयास जारी हैं | इसी के तहत शीघ्र जांच और गुणवत्ता पूर्ण इलाज पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में क्षय रोगियों के चिन्‍हीकरण के लिए क्षय रोगी खोजी अभियान (एसीएफ कैंपेन) 20 फरवरी से तीन मार्च तक चलाया जाएगा। समुदाय‍ के लोग अभियान के दौरान पहुंचने वाली टीम का सहयोग करें तथा उन्‍हें लक्षणों के बारे में सही जानकारी दें।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा ने बताया कि जिले में इस बार क्षय रोगी खोजी अभियान दो चरणों में चलाया जाएगा। पहले चरण में 20 से लेकर 23 फरवरी तक जिले में स्थित क्‍लोज कैम्‍पस जैसे कारागार, नवोदय विद्यालय, वृद्धाश्रम, बाल आश्रम व आवासीय विद्यालयों में क्षय रोगियों की खोज की जाएगी। इसके बाद 24 फरवरी से तीन मार्च तक घर घर जाकर टीम क्षय रोगियों की खोज करेगी। इसके लिए 83 टीम बनाई गयी है। इस दौरान जिले की 20 लाख की आबादी के सापेक्ष 20 प्रतिशत अर्थात कुल 4 लाख लोगों में टीबी के लक्षणों की जांच की जाएगी। लक्षण मिलने पर सर्वे टीम उसी समय व्यक्ति के बलगम का नमूना लेकर जांच के लिए भेजेंगी । रोग की पुष्टि होने पर दो दिन के भीतर व्यक्ति का उपचार शुरू हो जायेगा । यदि व्यक्ति में रोग की पुष्टि होती है तो सर्वे टीम को 600 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी ।

यह लक्षण दिखें तो जरुर कराएं जांच

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहे , ऐसा बुखार रहता हो जो शाम को बढ़ जाता है , सीने में दर्द हो, बलगम के साथ खून आए, भूख न लगे और वजन घट रहा है, तो यह टीबी हो सकता है । यदि किसी भी व्यक्ति के अन्दर क्षय रोग के यह लक्षण दिखाई दें तो उसकी जांच कराएं।

नाखून और बाल छोड़कर किसी भी अंग में हो सकता है क्षय रोग

डॉ ओझा ने बताया कि क्षय रोग माइक्रोबैक्टीरिया, ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है। यह रोग मुख्यतः फेफड़े में होता है, लेकिन शरीर के अन्य अंगो जैसे दिमाग, हड्डी , ग्रन्थियों व आंत में भी हो सकता है। यह रोग टीबी के रोगी द्वारा खांसने या छींकने, रोगी द्वारा इधर उधर खुली जगह पर बलगम थूकने से निकलने वाली बूंदों के सम्पर्क में आने से हो सकता है।

इलाज के लिए जिले में उपलब्ध सुविधाएं

जिले में कुल 10 टीबी यूनिट हैं। इसमें से एक नगरीय टीबी यूनिट भी है।
जांच के लिए 17 माइक्रोस्कोपिक सेंटर हैं जहां बलगम की जांच होती है।
दो लेड माइक्रोस्कोप है, एक सीबीनाट व चार ट्रूनाट मशीन है।
एक डीडीआरटीबी सेंटर है जिसमें चार बेड हैं।
जिले में कुल 2634 क्षय रोगी हैं जिनका इलाज चल रहा है।
इन सभी क्षय रोगियों में 166 जटिल क्षय रोगी हैं।

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