जमशेदपुर। सिविल सर्जन कार्यालय सभागार में सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी की अध्यक्षता में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत सभी प्रखंड से पांच-पांच मुखिया शामिल हुए। सिविल सर्जन ने अपने सम्बोधन में कहा कि तम्बाकू के सेवन से सिर्फ और सिर्फ नुकसान है। यह वो अदृश्य दुश्मन है जो परिवार, समाज के लिए घातक है। तम्बाकू सेवन से प्रति वर्ष लगभग 13.5 लाख लोगों की मौत पूरे भारतवर्ष में होता है जोकि चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत किये जा रहे जागरूक प्रयास से तंबाकू सेवन करने वाले व्यक्तियों में झारखंड का प्रतिशत 50.1% से घटकर 29.2 प्रतिशत पर आ गया लेकिन अभी भी हम राष्ट्रीय औसत में 28.6% से ऊपर है जो चिंतनीय है। उन्होंने सभी मुखिया को अपने-अपने क्षेत्र के युवाओं को नशापान के दुष्प्रभाव से अवगत कराने की अपील की। कार्यशाला में प्रथम प्रशिक्षक के रूप में डॉ मोहम्मद असद ने भारत में तंबाकू की शुरुआत से लेकर अब तक की सफर एवं उसके बारे में जानकारियां साझा की। वही दूसरे प्रशिक्षक के रूप में डॉ दीपक कुमार गिरी में तंबाकू जनित सभी प्रकार की शारीरिक परेशानियां एवं बीमारियों से अवगत कराया और इनका सेवन नहीं करने के लिए विभिन्न प्रकार के टिप्स भी साझा किए। जिला परामर्शी मौसुमी चटर्जी ने तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी एवं कोटपा-2003 के विभिन्न धाराओं से अवगत कराया।