गंगा दशहरा व जेष्ठ पूर्णिमा के पावन पर्व के उपलक्ष्य में लगाया गया निशुल्क शरबत प्याऊ

बहराइच भिनगा रोड रेशम फार्म के बगल में स्थित मानव धर्म मंदिर के संस्थापक श्री सतपाल महाराज जी की प्रेरणा से व मंदिर की अध्यक्षता कर रही

महात्मा श्री संध्या बाई जी व श्री प्रेमधारा बाई जी के सानिध्य में मीठे शरबत व स्वादिष्ट चने का निशुल्क वितरण किया गया साथ में सत्संग का भी आयोजन किया गया

महात्मा श्री प्रेमधारा बाई जी नें अपने मुखारबिंदु से बताया कि श्री राम चरित्र मानस में तुलसीदास जी ने लिखा है

कि बिन गुरू भव निधि तरै न कोई, जो विरंचि शंकर सम होई ,अर्थात बिना गुरु के ज्ञान के व्यक्ति चौरासी लाख योनियों से मुक्त नही होता चाहे ओ भगवान संकर के समान ही क्यों न हो श्री महात्मा जी ने

बताया कि जो व्यक्ति आत्मा के ज्ञान को प्राप्त कर निरंतर भगवान का भजन करता है वही व्यक्ति अपने जीवन और मरण के बन्धन से मुक्ति होकर ईस्वर के परम धाम को प्राप्त करता है

कार्यक्रम के मुख्य सहयोगी श्रीमती मिथलेश साहू,श्री राजकुमार सिंह ,श्री हुकुम चंद्र अवस्थी, श्री तारा चंद मिश्र , श्री विजय शंकर शुक्ल, श्री मुन्ना लाल कश्यप तथा मानव सेवा दल के सदस्य व सैकड़ों प्रेमी भक्त उपस्थित रहे।

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