धुमरी मार्ग पर बने जर्जर पुल पर हो रहा जोखिम भरा सफर
संबंधित अधिकारियों की लीपापोती कर रही किसी बड़े हादसे का इंतजार
तकरीबन 500 से अधिक वाहनों का गुजरना रहता है इस पुल से
अलीगंज। जनपद एटा मार्ग के अलीगंज स्थित धुमरी काली नदी पर सात वर्ष पूर्व बने पुल के क्षतिग्रस्त होने पर शासन-प्रशासन बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। इस मार्ग पर एटा से फर्रुखाबाद तक तकरीबन 120 रोडवेज बसों का संचालन होता है इन सभी वाहनों को मिलाकर हजारों वाहन इस रोड पर चलते हैं।
धुमरी पर बने पुल क्षतिग्रस्त होने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पुल के बीचो-बीच गड्ढे होने से सरिए निकल आई है अगर कोई भी सरिया गाड़ी में घुस जाती है तो बस सीधे काली नदी में जाकर गिरेगी तो सैकड़ों यात्रियों की जान पर बन आ सकती है।
पुल के क्षतिग्रस्त होने को लेकर ग्रामीण कई बार संबंधित विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवा चुके हैं, लेकिन किसी भी अधिकारी की ओर से क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है।
धुमरी मार्ग पर बने काली नदी पुल को तकरीबन सात-आठ वर्ष ही हुए हैं सरकार की ओर से आमजन की सुविधा के लिए करोड़ रुपयों की लागत से पुल बनाया गया था, लेकिन अब पुल की स्थिति बड़ी दयनीय हो गई है।
पुल पर अलग -अलग स्थानों पर गड्ढे हो गए हैं और उसमें से सरिया बाहर निकल आई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि काली नदी पुल से होकर प्रतिदिन हजारों की संख्या में रोडी- पत्थरों से भरे ओवरलोड डंपर और ट्रोले, बसें, मोटर साईकिल व अन्य वाहन गुजरते हैं।
यह पुल जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है और इसके सरिया बाहर निकल रहे हैं। बरसात का मौसम होने से इसमें पानी भरने से आरसीसी कभी भी टूट कर बड़ा हादसा हो सकता है।
इतना ही नहीं सावन का महीना चल रहा है कावड़ियों को भी इसी मार्ग से होकर गुजरना पड़ता है। रात्रि में अगर कावड़ियों को यह क्षतिग्रस्त पुल से निकली सरिया दिखाई नहीं दी तो किसी की भी जान जोखिम में आ सकती है। लोगों कहना है कि रात में दुर्घटना कई बार हुई है क्यूंकि लोहे का सरिया दिखाई नहीं देता।
लोगों द्वारा ज्यादा विरोध करने पर दिखावे के रूप में लीपापोती कर दी जाती है और इसके कुछ माह बाद फिर वही नजर आता है। वही इस पुल के जर्जर होने से लोगों में दहशत बना हुआ है। विभाग द्वारा इस ओर ध्यान नहीं देने से आने वाले दिनों में पुल में बड़ी हादसा होने की आशंका है।
इस पुल की शिकायत कई बार जिला प्रशासन को लिखित में किये है बावजूद विभाग द्वारा खानापूर्ति करते हुए पेच रिपेयरिंग कर दिया जाता रहा है, जो कुछ ही दिनों में भी उखड़ जाता है। ऐसे में आने जाने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
रोडवेज बस चालको का क्या है कहना
लोनी डिपो चालक अमित का कहना है कि निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया जिसकी वजह से पुल जर्जर होने लगा। कई जगह तो बड़े -बड़े गड्ढे हो गए हैं। कई जगह लोहे का सरिया भी नजर आने लगा है। जब भी पुल से बस को क्रॉस किया जाता है तो बहुत ही सावधानी का ध्यान रखना पड़ता है।
साहिबाबाद डिपो चालक अरविंद कुमार का कहना है कि पुल से गुजरते समय कभी कबार तो पुल से निकल रहे लोहे का सरिया दिखाई नहीं देता बस को बड़ी ही सावधानी से एक तरफा होकर निकालना पड़ता है जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न होती है।
क्या कहते हैं अधिकारी
अपर अभियन्ता एटा महेश चंद्र का कहना है कि क्षतिग्रस्त हुए पुल को कई बार भरवा चुके हैं लेकिन रुकता ही नहीं है इस पुल से ट्रक का आवागमन अत्याधिक रहता है। यह जिम्मेदारी पुल बनाने वालों की है इतनी जल्दी कोई पुल कैसे खराब हो सकता है जबकि पुल 20- 25 साल तक तो चलना ही चाहिए था। जल्द ही पुल को देखवाते हैं इस पुल की जानकारी एक्सईएन को दे दी है।
अधिशासी अभियन्ता मुनीशवीर सिंह का कहना है कि पुल को जल्दी ही दिखवाते हैं जहां खामियां पाई गई मरम्मत कराई जाएगी।
एआरएम राजेश यादव ने बताया कि पिछली मीटिंग में व्यापार मंडल वालों ने मुद्दा उठाया था जिसको लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग के संबंधित अधिकारी व एक्सईएन को आदेश भी किया गया था। आज की मीटिंग में डीएम साहब के सामने रखा जाएगा।
जिला महामंत्री आशीष राजपूत व जिलामंत्री लोक पाल शाक्य ने बताया कि धुमरी काली नदी पर बने पुल का निरीक्षण किया। काफी जगह क्षतिग्रस्त हालत में पुल को पाया जहां कई जगह सरियां निकल रही है अगर कोई भी वाहन सवार इसकी चपेट में आता है तो कोई भी हादसा हो सकता है। इस पुल की जांच हेतु एक ज्ञापन जिला अध्यक्ष के माध्यम से शासन को भेजा जाएगा।
दिलीप सिंह मंडल ब्यूरो एटा उत्तर प्रदेश