TWU के प्रेसिडेंट एसके चौधरी ने इंस्पायर्ड कार्यक्रम में एक ऐसे दृष्टिहीन शख्स को पेश किया की आंख वालों ने दांतो तले उंगलियां दबा ली।

‘अ सेंचुरी ऑफ यूनिटी’ के उपलक्ष्य में टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी (टुन्नू) के नेतृत्व में दिनांक 21 जुलाई 2023 को माइकल जॉन ऑडिटोरियम, बिष्टुपुर में जीवन बदलने वाले प्रेरक सत्र का आयोजन किया गया।

श्री चौधरी ने पूरे गर्मजोशी के साथ स्वागत करते हुए डॉ. भाटिया के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही।

वहीं जनरल सेक्रेट्री सतीश कुमार सिंह ने टाटा स्टील के बारे में संक्षिप्त वर्णन करते हुए बताया कि इस यूनियन का 100 साल से भी पुराना गौरवशाली इतिहास रहा है। यूनियन का प्रारंभ 5 मार्च 1920 में किया गया था।

उन्होंने बताया कि 1920 से 1928 तक लगातार हड़ताल और अशांति का दौर रहा। यूनियन के तीसरे अध्यक्ष नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 1928 में एक ऐसा समझौता कराया की पूरी तरह से हड़ताल समाप्त हो गई और आज स्टील प्लांट में हम विश्व स्तरीय सर्वोत्तम स्थान रखते हैं जोकि अपने आप में एक अद्भुत बात है।

उन्होंने हौसले को बढ़ाते हुए कहा; ‘शब्द इंपॉसिबल स्वयं कहता है आई एम पॉसिबल’; हमारे बीच एक ऐसे व्यक्ति हैं जो दृष्टिहीन है पर उन्होंने संसार को देखना सिखाया। चीफ गेस्ट अटराई सान्याल वाईस प्रेसिडेंट HRM टाटा स्टील ने अपने अभिभाषण में कहा कि टाटा स्टील में लगभग 38000 एंप्लोई हैं जोकि एक हिस्टोरीक कंपनी है – हिस्टोरीक कंपनी और हिस्टोरीक यूनियन को हमेशा हिस्टोरीक कदम रखने पड़ेंगे।

दृष्टिहीन उद्योगपति डॉ भावेश भाटिया द्वारा जीवन बदलने वाले प्रेरक सत्र के आयोजन में उन्होंने अनेक प्रेरक (हम, गम और हर्ष) वाक्यों को शेरो-शायरी के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा की करीब 10000 की संख्या में दिव्यांगजन मुझसे जुड़कर रोजगार कर रहे हैं, 71 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के साथ भारत के 14 राज्यों में काम चल रहा है,

साढ़े चार हजार से ज्यादा रिटेल काउंटर हैं। वर्तमान में साढ़े तीन सौ करोड़ का टर्नओवर है। श्री भाटिया ने अध्यक्ष संजीव चौधरी के बारे में कहा कि महाभारत के समय धृतराष्ट्र के साथ संजय हुआ करते थे ठीक उसी प्रकार मेरे लिए संजय के जगह संजीव जी है। श्री भाटिया ने कहा; दिल भले ही लेफ्ट में होता है लेकिन वह सोचता हमेशा राइट बातें।

आज टाटा स्टील सर्वोच्च स्थान पर खड़ा है क्योंकि यहां दिल से सोचने वाले टाटा स्टील और यूनियन के अधिकारी मौजूद है। उन्होंने शायरी के रूप में कहा इंतजार करने वालों के हाथ में उतना ही आता है जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं। उन्होंने बुजुर्गों के द्वारा दिए जाने वाले नसीहत; को याद करते हुए कहा कि जितनी चादर हो पैर उतनी पसारे; पर उन्होंने कहा निर्जीव चादर के लिए सजीव पैर को कष्ट क्यों दें; क्यों ना चादर को ही बड़ा कर ले।

उन्होंने धन को लेकर कहा कि अब आधार के साथ पैन लिंक हो चुका है कौन बनेगा करोड़पति; कहना बहुत आसान है लेकिन कौन बचेगा करोड़पति कहना बहुत मुश्किल है इसलिए पैसे को समाज में लगाए।

श्री भाटिया ने आंख को लेकर बोला कि दिखता है तो; लगता है डर; नहीं दिखता तो डर काहे का। अंत में डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉक्टर भावेश भाटिया के लिए कहा कि एक घंटा 25 मिनट तक उन्होंने समा को बांधे रखा और और पता ही नहीं चला कि इतना वक्त कब निकल गया वहीं टाटा वर्कर्स यूनियन के प्रेसिडेंट संजीव कुमार चौधरी (टुन्नू), सतीश कुमार सिंह जनरल सेक्रेट्री, वाईस प्रेसिडेंट HRM टाटा स्टील अटराई सान्याल वहां मौजूद जयदेव, डॉ अमित मुखर्जी, भीपी राजीव मंगल, चैतन्य भानु, पीयूष गुप्ता, कमल, पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ पांडे, पी एन सिंह, रवि, राकेश्वर पांडे, सभी मेंबर पूर्व यूनियन, टाटा मोटर्स यूनियन के प्रेसिडेंट गुरमीत सिंह एवं महामंत्री आरके सिंह, टाटा ग्रुप के सभी एमडी, उपस्थित सौरभ भाई के नेतृत्व में दिव्यांगजन, डॉक्टर के पूरे टीम को, मीडिया बंधुओं को, यूनियन के सारे कमेटी मेंबर, उपस्थित मैनेजमेंट के अधिकारी, उपस्थित तमाम एजेंसियों को तथा उपस्थित यूनियन के संपूर्ण स्टाफ को उन्होंने अपना कीमती वक्त देने के लिए धन्यवाद दिया।

विशेष संवाददाता धनंजय कुमार (7857826506) की रिपोर्ट।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!